Hindi (cardamom in hindi) – छोटी इलायची, इलायची, चौहरा इलायची, सफेद इलायचीUrdu – इलायचीखुर्द (Ilayachi khurd)Sanskrit – उपकुञ्चिका, त्रुटि, कोरङ्गी, चद्रबाला, निष्कुटी, सूक्ष्मा, तुत्था, एला, द्राविडी, सूक्ष्मैला, ओरंगीOriya – एला (Ela), ओलाइचो (Olaicho)Kannada – एलाक्कि (Elakki)Gujarati – एलची कागदी (Elachi kagdi), एलाची (Elachi), मलवारी एलची (Malvari elachi)Tamil – एलाक्के (Elakke), चित्र एलं (Chitra elam), कालिन्दम (Kalindam), एलम (Elam)Telugu – एलाकिक (Elakki)Bengali – छोटी इलायची (Choti elachi), ईलायची (Ilachi), छोटा इलायची (Chota elaichi)Nepali – सुकफमेल (Sukumale)Punjabi – इलायची (Illachi)Marathi – बारीक वेलदोड़े (Barikveldode), एलची (Alachi), वेल्लोडा (Velloda)Malayalam – एला (Ela), एलाककया (Elakkaya)Arabic – काकीलेशीघ्रर (Kakilesigar), शुशमीर (Shosmir)Persian – हेल (Hail), हील (Hil), ककीलाहेखुर्द (Kakilahekhurd), हीउन्सा (Hiunsa)
छोटी इलायची (एला) के फायदे, नुकसान और औषधीय गुण
छोटी इलायची का परिचय (Introduction of Green Cardamom)
हमने अमिताभ बच्चन का सुप्रसिद्ध होली गीत लौंगा इलाची (elaichi benefits in hindi) का बीड़ा लगाया, सुना ही होगा। यह गीत मसालों की रानी के नाम से प्रसिद्ध इलायची (Green Elaichi) पर ही है। भारत के घर-घर में गरम मसालों से लेकर खीर, हलवा आदि खाद्य पदार्थों में छोटी इलायची का प्रयोग किया जाता है। पान या फिर केवल लौंग के साथ भी छोटी इलायची का इस्तेमाल होता है। भोजन के बाद मुंह को सुगंधित करने के लिए भी इलायची के सेवन किया जाता है। क्या आप जानते हैं कि इलायची केवल एक सुगंधित मसाला ही नहीं है, बल्कि यह एक अच्छी औषधि भी है। यदि आप छोटी इलायची के फायदे (Elaichi ke fayde) को जान जाएं तो अनेक रोगों का स्वयं ही इलाज कर सकते हैं।
इलायची (Ilaichi) खाने के ढेरों फायदे हैं। छोटी इलायची (Chhoti Elaichi) पचने में हल्की, भूख बढ़ाने वाली और भोजन को पचाने वाली होती है। यह मुँह की बदबू दूर करती है। यह दम फूलने, जुकाम, सूखी खाँसी, बवासीर, पेशाब की समस्याओं, दर्द, गैस, खुजली आदि चर्मरोग आदि में काफी लाभकारी है।
इलायची के बीज गैस को खत्म करते हैं, भूख बढ़ाते हैं, पेशाब की समस्या दूर करते हैं और हृदय तथा शरीर को बल प्रदान करते हैं। इसलिए इलायची के बीजों (Cardamom Seeds) का अपच, पेटदर्द, जुकाम, खाँसी, लीवर की समस्याओं, उल्टी आदि अनेक बीमारियों में प्रयोग किया जाता है। इस प्रकार देखें तो छोटी इलायची के फायदे (elaichi ke fayde) बहुत हैं। इसका दुष्प्रभाव नहीं के बराबर है।
छोटी इलायची क्या है? (What is Green Cardamom?)
छोटी इलायची (Elaichi) एक सुगंधित मसाला है। इलायची का पौधा (Elaichi ka podha) लगभग 10-12 फुट लंबा होता है जो समुद्र के किनारे वर्षभर पैदा होता है। यह पत्तेदार होता है। इसके पत्ते ऊपर से एकदम हरे, भाले के आकार के और दो फुट तक लंबे होते हैं। इसमें गुच्छों की तरह फल लगते हैं। सूखे हुए फल ही छोटी इलायची के नाम से जाने जाते हैं।
इलायची दो प्रकार की होती है – छोटी और बड़ी। इलायची का औषधीय महत्व (Medicinal Value of Cardamom) काफी अधिक होने के कारण आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा पद्धतियों में इन दोनों का ही प्रयोग किया जाता है।
अनेक भाषाओं में छोटी इलायची के नाम (Name of Green Cardamom in Different Languages)
छोटी इलायची का वानस्पतिक यानी लैटिन नाम इलेट्टेरिआ कार्डेमोमम् (Elettaria cardamomum Maton), Syn-Alpinia cardamomum (Linn.) Roxb. है। यह जिंजिबेरेसी कुल (Zingiberaceae) यानी अदरक के परिवार का पौधा है। इसका अंग्रेज़ी नाम लेसर कार्डेमम् (Lesser cardamom), कार्डेमम् फ्रूट (Cardamom fruit) है। छोटी या हरी इलायची के लिए संस्कृत में एला शब्द का उपयोग किया जाता है। काव्यग्रन्थों में भी छोटी इलायची के लिए एला शब्द का व्यवहार किया गया है। अन्य भारतीय भाषाओं में छोटी इलायची को निम्न नामों से बुलाया जाता है।
Green Cardamom in –
- Hindi (cardamom in hindi) – छोटी इलायची, इलायची, चौहरा इलायची, सफेद इलायची
- Urdu – इलायचीखुर्द (Ilayachi khurd)
- Sanskrit – उपकुञ्चिका, त्रुटि, कोरङ्गी, चद्रबाला, निष्कुटी, सूक्ष्मा, तुत्था, एला, द्राविडी, सूक्ष्मैला, ओरंगी
- Oriya – एला (Ela), ओलाइचो (Olaicho)
- Kannada – एलाक्कि (Elakki)
- Gujarati – एलची कागदी (Elachi kagdi), एलाची (Elachi), मलवारी एलची (Malvari elachi)
- Tamil – एलाक्के (Elakke), चित्र एलं (Chitra elam), कालिन्दम (Kalindam), एलम (Elam)
- Telugu – एलाकिक (Elakki)
- Bengali – छोटी इलायची (Choti elachi), ईलायची (Ilachi), छोटा इलायची (Chota elaichi)
- Nepali – सुकफमेल (Sukumale)
- Punjabi – इलायची (Illachi)
- Marathi – बारीक वेलदोड़े (Barikveldode), एलची (Alachi), वेल्लोडा (Velloda)
- Malayalam – एला (Ela), एलाककया (Elakkaya)
- Arabic – काकीलेशीघ्रर (Kakilesigar), शुशमीर (Shosmir)
- Persian – हेल (Hail), हील (Hil), ककीलाहेखुर्द (Kakilahekhurd), हीउन्सा (Hiunsa)
- ✅🔲 इलायची के फायदे (Green Cardamom Benefits and Uses in Hindi)
छोटी इलायची के औषधीय लाभ (Cardamom Uses And Benefits) बहुत अधिक हैं। यदि सही तरीके से इसका सेवन किया जाए तो अनेक रोगों को आप दूर भगा सकते हैं। इसके कुछ प्रयोग और फायदे यहाँ दिए जा रहे हैं।
सिर दर्द भगाए इलायची का सेवन (Elaichi Benefits in Headache Relief in Hindi)
चिंता और तनाव से सिर दर्द होना आज के जीवन में सामान्य बात है। ऐसे में दो छोटी इलायची (choti elaichi), 1 बड़ी इलायची तथा 1 ग्राम कपूर को पीस लें। इसे ललाट पर लगाने से दवा से भी ठीक न होने वाला सिरदर्द और तनाव आदि दूर होते हैं।
आंखों की बीमारी में छोटी इलायची के फायदे (Green Cardamom Powder Benefits in Treating Eye Problems in Hindi)
कम्प्यूटर और मोबाइल के इस युग में सबसे अधिक प्रभावित हमारी आँखें ही हो रही हैं। छोटे-छोटे बच्चों तक को आँख की समस्याएं होने लगी हैं और उन्हें चश्मा चढ़ने लगा है।
आँखों में अँधेरा छाता हो, आँखें चौंधियाती हों या आँखों में फुंसी हो गई हो तो छोटी इलायची के चूर्ण (cardamom powder) को बारीक मलमल के कपड़े से छान लें। इसमें तीन दिन तक बकरे के मूत्र में भिगो कर छाया में सुखाएं। इस चूर्ण को आँखों में काजल की तरह लगाएं। इससे आँखों की शुद्धि होगी और उपरोक्त सभी रोग ठीक (benefits of cardamom) होंगे।
रोजाना एक चम्मच मधु के साथ एक छोटी इलायची (choti elaichi) खाने से आँखों की रौशनी बढ़ती है, उसके तंत्रिका-तंत्र को बल मिलता है और आँखों के सामान्य स्वास्थ्य की रक्षा होती है।
मुँह के रोग में फायदेमंद छोटी इलायची का प्रयोग (Benefits of Cardamom Powder in Mouth Problems Treatment in Hindi)
मुँह में किसी भी प्रकार का संक्रमण हुआ हो अथवा मुँह में छाले पड़ गए हों। दाँतों या मसूड़ों में सड़न के कारण मुँह से दुर्गंध आती हो तो दालचीनी, नागरमोथा, छोटी इलायची (choti elaichi) तथा धनियाँ बराबर मात्रा में लें।
इसका चूर्ण बनाकर मिलाकर 125 मि.ग्रा. की वटी बना लें। इस वटी को मुँह में रख कर चूसें या चूर्ण का मंजन करें। इसके बाद इसे पानी में घोल बनाकर उससे गरारा करें। इससे मुँह का संक्रमण दूर (benefits of cardamom) होगा।
गले के रोग में छोटी इलायची के फायदे (Uses of Green Cardamom to Cure Throat Problems in Hindi)
अधिक तेज बोलने से अथवा सर्दियों के कारण गले में खराश होना या फिर आवाज बैठना एक सामान्य समस्या है। कई बार गले के अंदर लटकने वाली छोटी जीभ में सूजन हो जाती है, उसके कारण भी गले में समस्या होती है। ऐसी कोई भी समस्या होने पर छोटी इलायची (choti elaichi) तथा दालचीनी को पानी में उबाल लें। इसे पानी से थोड़ी देर तक मुँह में रखे रहने और उसके बाद कुल्ला करने से गले की सूजन, आवाज बैठना आदि रोगों में लाभ होता है।
किसी भी कारण से आवाज बैठी हो अथवा गले में खराश हो, तो सुबह उठते समय और रात को सोते समय छोटी इलायची (Chhoti Elaichi) चबा-चबाकर खा लें तथा ऊपर से गुनगुना पानी पी लें। काफी लाभ होगा।
छोटी इलायची के इस्तेमाल से दमा-खाँसी का इलाज (Benefits Of Elaichi in Fighting with Cough & Asthma in Hindi)
आज के प्रदूषण भरे वातावरण के कारण लोगों को सूखी खाँसी तथा दम फूलने की शिकायत अक्सर हो जाती है। इलायची तथा काली मिर्च की बराबर मात्रा का काढ़ा बना लें। इस 10-20 मि.ली. काढ़े में खांड़ मिलाकर पीयें। इससे सूखी खाँसी तथा सांसों के फूलने की परेशानी ठीक होती है।
हृदय को स्वस्थ बनाने में मदद करती है छोटी इलायची (Cardamom Powder Medicinal Uses in Heart Problems in Hindi)
छोटी इलायची रक्त संचार (खून के बहाव) को ठीक बनाए रखती है जो कि हृदय के लिए काफी लाभकारी होता है। छोटी इलायची चूर्ण (cardamom powder) तथा पिप्पली की जड़ के चूर्ण को बराबर मात्रा में मिला लें। इसकी 1-2 ग्राम की मात्रा को दोगुने घी में मिलाकर खाने से हृदय रोग तथा गैस के कारण होने वाले सीने में दर्द में लाभ होता है।
पेट की गैस में लाभदायक छोटी इलायची का चूर्ण (Benefits of Cardamom in Constipation & Gastritis in Hindi)
इलायची (elaichi) पेट में गैस और एसिडिटी में राहत देती है। यदि आपको भोजन के बाद एसिडिटी होती हो तो भोजन के बाद नियमित रूप से इलायची का सेवन करें। यह भोजन को पचाने में भी लहायक है।
लंबी यात्रा आदि में कई बार पेशाब को रोकने के कारण पेट में गैस हो जाती है। ऐसी स्थिति में आधा से एक ग्राम इलायची चूर्ण को कांजी के साथ पीने से पेट की गैस में लाभ (cardamom benefits) होता है।
सोने के पहले एक पका केला तथा एक इलायची का सेवन करने से अपच, एसिडिटी, कब्ज आदि और खून की उल्टी आदि में लाभ होता है।
यदि अधिक केले खाने के कारण पेट में दर्द हो रहा हो तो इलायची खाएं, तुरंत आराम मिलेगा।
उल्टी बंद करने में करें छोटी इलायची का उपयोग (Elaichi Uses in Vomiting Problems in Hindi)
500 मिग्रा एलादि चूर्ण में मधु तथा मिश्री मिलाकर सेवन करने से वात, पित्त और कफ में से किसी के भी कारण होने वाली उल्टी बंद होती है।
इलायची, धान का लावा, लौंग, नागकेशर, पिप्पली, प्रियंगु, बदर मज्जा, नागरमोथा तथा सफेद चंदन को मिलाकर चूर्ण बना लें। इसकी 1-2 ग्राम में मिश्री तथा शहद मिलाकर सेवन करने से हर प्रकार की उल्टी बंद (cardamom benefits) होती है।
जीरा बीज के 10-15 मिली काढ़े में 500 मिग्रा इलायची बीज का चूर्ण (cardamom powder) मिलाकर सेवन करने से पित्त की अधिकता यानी एसिडिटी के कारण आने वाले चक्कर, उल्टी आदि समाप्त होते हैं।
पेचिश में छोटी इलायची से लाभ (Cardamom Benefits to Stop Dysentery in Hindi)
इलायची को पानी में उबालकर उस पानी को 10-15 मिली मात्रा में सेवन करने से पेचिश, लूज मोशन, तथा पेशाब की समस्या में लाभ (cardamom benefits) होता है।
पेशाब की समस्याओं में छोटी इलायची से फायदा (Cardamom Medicinal Uses in Urine Problems in Hindi)
- आँवला का रस, केला का रस अथवा मीठे नीम के रस में मधु तथा आधा से एक ग्राम इलायची (cardamom powder) चूर्ण मिला लें। इसका सेवन करने से कफ के कारण होने वाली पेशाब की जलन में लाभ होता है।
- 1/2-1 ग्राम इलायची चूर्ण को गोमूत्र, शराब अथवा केले के रस के साथ सेवन करने से कफ के कारण होने वाली पेशाब की समस्या में लाभ होता है।
- 20-25 मिली एलादि काढ़ा में 1-2 ग्राम शिलाजीत मिलाकर पीने से पथरी के कारण होने वाली पेशाब की समस्या में लाभ होता है।
- 20-25 मिली आमलकी रस में एक ग्राम छोटी इलायची (cardomom) के बीजों का चूर्ण मिला लें। इसे पीने से पेशाब बंद होने अथवा पेशाब करने में जलन होने में लाभ होता है।
- इलायची, पाषाणभेद, शिलाजीत एवं पिप्पली से बने चूर्ण (1-2 ग्राम) को गुड़ तथा चावल के पानी यानी चावल को धोने से निकले पानी के साथ सेवन करें। इससे पेशाब में दर्द की समस्या ठीक होती है।
नपुसंकता और शीघ्रपतन में छोटी इलायची के इस्तेमाल से लाभ (Green Elaichi is Beneficial in Impotence and Premature Ejaculation)
125 मिग्रा इलायची बीज चूर्ण को दूध में उबालकर, मधु मिला लें। इसे रोजाना सोने से पहले सेवन करने से नपुंसकता तथा शीघ्रपतन रोग में लाभ होता है। (इलायची (cardomom) का अत्यधिक प्रयोग 4 नहीं करना चाहिए अन्यथा नपुंसकता हो सकती है।)
रक्त विकार में फायदेमंद छोटी इलायची का प्रयोग (Green Cardamom Help in Blood Disorder in Hindi)
इलायची रक्त का संचार ठीक करती है। यदि पंचकर्म चिकित्सा में रक्तमोक्षण करने में खून ठीक से नहीं बह रहा हो तो इलायची, कूठ, तगर आदि के बारीक चूर्ण में नमक तथा तेल मिलाकर घाव के मुख पर रगड़ देने से खून ठीक से बहने लगता है।
दिमाग को मजबूत बनाए छोटी इलायची (Use of Cardamom in Mental Health in Hindi)
रात में सोने के पहले छोटी इलायची के बीज चूर्ण को सूंघने से मिर्गी, मानसिक अवसाद तथा याद्दाश्त की कमी में लाभ (elachi uses) होता है।
पाचन तंत्र मजबूत करने में फायदेमंद छोटी इलायची (Green Cardamom Beneficial to Boost Digestive System in Hindi)
इलायची का सेवन पाचन शक्ति को मजबूत करने में सहयोग करता है क्योंकि आयुर्वेद के अनुसार इसमें दीपन का गुण पाया जाता है जो कि पाचक अग्नि को बढ़ाकर पाचक तंत्र को मजबूत करने में मदद करता है।
हिचकी बंद करने में छोटी इलायची लाभकारी (Use of Cardamom in Hiccups in Hindi)
अगर आप हिचकी से परेशान है तो इलायची का सेवन आपको फायदा दे सकता है क्योंकि आयुर्वेद के अनुसार इलायची में हिक्का को रोकने का गुण होता है।
ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में लाभकारी छोटी इलायची (Green Cardamom Beneficial to Control High Blood Pressure in Hindi)
इलायची का सेवन आपके हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है क्योंकि एक रिसर्च के अनुसार इलायची ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में एक प्रभावी औषधि है।
शरीर के विषाक्त को बाहर निकालने में लाभकारी छोटी इलायची (Green Cardamom Beneficial in Detoxification in Hindi)
इलायची का सेवन शरीर के विषाक्त को बाहर निकालने में सहायक होता है क्योंकि इसमें दीपन का गुण होता है जो की पाचक अग्नि को बढ़ाकर पाचन में मदद करती है। आयुर्वेद में आम(अपचित खाद्य पदार्थ) को विषाक्त की संज्ञा दी गयी है।
दिल की सुरक्षा करने में सहायक छोटी इलायची (Benefit of Cardamom in Healthy Heart in Hindi)
इलायची का सेवन दिल की कार्यप्रणाली की सुचारु रूप से चलाने में मदद कर सकता है क्योंकि आयुर्वेद के अनुसार इलायची में हृद्य यानि (कार्डिक टॉनिक ) का गुण पाया जाता है, जिसके कारण इलायची दिल को सुचारु रूप से कार्य करने में मदद करती है।
पथरी के इलाज में इलायची फायदेमंद (Green Cardamom Beneficial to Treat Kidney Stone in Hindi)
अगर आपको पथरी की समस्या है तो इलायची का सेवन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है क्योंकि इलायची पथरी को बनने से रोकने के साथ-साथ इसको बाहर निकालने में भी मदद करती है क्योंकि इलायची में मूत्रल यानि ड्यूरेटिक का गुण पाया जाता है।
मुँह के छालों से छुटकारा पाने में इलायची फायदेमंद (Cardamom Beneficial to Treat Mouth Ulcer in Hindi)
मुँह के छालों ने यदि आपको परेशान कर रखा है तो आप इलायची का सेवन करे या मुँह में रखकर चूसे क्योंकि इलायची में पित्तशामक गुण होता है जो जलन को कम कर छालों को जल्दी ठीक करने में मदद करता है।
स्वप्नदोष के इलाज में इलायची फायदेमंद (Benefit of Green Cardamom in Nightfall in Hindi)
स्वप्नदोष में इलायची का सेवन फायदेमंद होता है क्योंकि आयुर्वेद के अनुसार इलायची में वृष्य गुण होता है जो कि स्वप्नदोष जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करती है।
सिरदर्द से राहत दिलाने में लाभकारी इलायची (Benefit of Green Cardamom to Get Relief from Headache in Hindi)
सिरदर्द में इलायची का सेवन फायदेमंद होता है क्योंकि इलायची में शीत गुण होता है और सिरदर्द में पित्त का प्रकोप भी एक कारण माना गया है। इलायची अपने शीत गुण के कारण पित्त को शांत करती है जिससे सिरदर्द में आराम मिलता है।
छोटी इलायची के सेवन की मात्रा (How Much to Consume Green Cardamom)
इलायची चूर्ण – 500 मिग्रा से 1 ग्राम
अधिक लाभ के लिए चिकित्सक के परामर्श के अनुसार छोटी इलायची (cardomom) का प्रयोग करें।
छोटी इलायची के सेवन का तरीका (How to Use Green Cardamom?)
बीज (Cardamom Seeds)
फल
तेल (Cardamom Oils)
छोटी इलायची से नुकसान (Cardamom Side Effects)
सामान्यतः इलायची खाने से कोई नुकसान नहीं होता, लेकिन कई बार अधिक मात्रा में इलायची के सेवन से कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं, जो ये हैंः-
पथरी के रोगियों को भी इलायची का सेवन करने से पहले चिकित्सक का परामर्श लेना चाहिए। यह पथरी का दर्द उत्पन्न कर सकती है।
इलायची यदि ठीक से न पचे तो गॉल ब्लैडर की पथरी भी बनाती है।
इलायची के अधिक सेवन से नपुसंकता की परेशानी भी हो सकती है।
इलायची कहाँ पाई या उगाई जाती है? (Where is Green Cardamom Found or Grown)
छोटी इलायची का पौधा (Elaichi ka podha)सामान्यतः समुद्र के किनारे पाया जाता है। इसकी खेती विश्व में भारत, श्रीलंका एवं म्यांमार में की जाती है। भारत के दक्षिण भागों में 750-1500 मीटर की ऊँचाई पर कर्नाटक, केरल एवं तमिलनाडू आदि राज्यों के पश्चिमी घाट के सदाहरित वनों में भी इलायची पाई जाती है।
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