Sanskrit-पुत्रजीव, पुत्रजीवक, गर्भद, यष्टीपुष्प, अर्थसाधक;Hindi-जियापोता, पितौजिया, पुत्रजीव, जुति;Uttarakhand-जूटी (Juti);Odia-मोलोकोलि (Molokoli), सुतजीवा (Sutajivah);Urduपैशन्दिया (Paishandia);Konkani-समन (Saman);Kannada–पुत्रजीव (Putra jiva), पुत्रजीवी (Putrajivi);
Putrajeevak: पुत्रजीवक बीज से होते हैं भरपूर फायदे – Tikeshwar rajnire (knowledge)
आपने पुत्रजीवक बीज ( putrajeevak beej) का नाम सुना है। अधिकांश लोग यह जानते हैं कि पुत्रजीवक बीज से संतान प्राप्ति की इच्छा पूरी हो सकती है। यह सच भी है क्योंकि पुत्रजीवक बीज के फायदे से महिलाओं के बांझपन की समस्या उपचार किया जा सकता है। पुत्रजीवक बीज के सेवन से गर्भाशय मजबूत होता है, और गर्भाशय के मजबूत होने से संतान प्राप्ति की क्षमता बढ़ जाती है। इसके अलावा पुत्रजीवक बीज से लाभ लेकर पुरुषों के नपुसंकता का भी इलाज किया जा सकता है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि कई लोग पुत्रजीवक बीज को पुत्र प्राप्ति की दवा (shivlingi beej ke fayde) के रूप में भी प्रयोग में लाते हैं।
पुत्रजीवक बीज महिला और पुरुष दोनों के यौन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के साथ-साथ कई अन्य बीमारियों से राहत दिलाने में मदद करता है। पुत्रजीवक के बीज (Putrajeevak Beej) का एन्टीऑक्सिडेंट और एन्टी इंफ्लैमटोरी गुण आयुर्वेद में कई तरह के बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। इसलिए पुत्रजीवक बीज पुत्र प्राप्ति के आयुर्वेदिक मेडिसिन (santan prapti ke ayurvedic upay) की तरह इस्तेमाल किया जाता है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानने के लिए आगे पढ़ते है।
पुत्रजीवक क्या है? (What is Putrajeevak in Hindi?)
पुत्रजीवक एक औषधि है जिसका सेवन संतान की प्राप्ति के लिए किया जाता है। संतान की प्राप्ति के लिए महिलाएं रूद्राक्ष की तरह इसके बीजों की माला गले में धारण करती हैं। इसके बीजों को धागे में गूथकर पुत्र प्राप्ति के लिए स्त्रियां गले में पहनती हैं। बच्चों के गले में भी पहनाती हैं जिससे वे स्वस्थ बने रहें। इसके बीज, पत्ते या जड़ को दूध के साथ सेवन करने से कमजोर गर्भाश्य को मजबूती मिलती है और महिला को पुत्र की प्राप्ति होती है। इसे भारत में पुत्र प्राप्ति के आयुर्वेदिक मेडिसिन या पुत्र प्राप्ति की दवा के रूप में उपयोग किया जाता है।
प्राचीन युग से पुत्रजीवक का प्रयोग आयुर्वेद में प्रजनन संबंधी रोगों (reproduction) के लिए औषधि के रूप में किया जाता रहा है। पितौजिया मधुर, कड़वा, रूखा और ठंडे तासीर का होता है। यह कफवात दूर करने में भी मदद करता है। पुत्रजीवक का पेड़ (patanjali putrajeevak tree) 12-15 मी ऊँचा, छोटे से मध्यम आकार का सदाहरित वृक्ष होता है। इसके फल गोल-नुकीले, अण्डाकार होते हैं। बीज बेर की गुठली के जैसे कड़े, झुर्रीदार तथा 5 मिमी व्यास (डाइमीटर) के होते हैं। इसके फल वेदनाशामक होते हैं। इसके बीज के सेवन से कमजोरी और सूजन कम होने के साथ-साथ शरीर के मल-मूत्र निकालने में भी मदद करते हैं। यहां तक कि पुत्रजीवक के पत्ते काम शक्ति बढ़ाने में भी मदद करते हैं।
अन्य भाषाओं में पुत्रजीवक के नाम (Name of Putrajeevak Beej in Different Languages in Hindi)
पुत्रजीवक का वानस्पतिक नाम Putranjiva roxburghii Wall. (पुत्रंजीवा रॉक्सबर्घाई) Syn-Drypetes roxburghii (Wall.) Hurus होता है। लेकिन पुत्रजीवक Euphorbiaceae (यूफॉर्बिएसी) कुल का है। अंग्रेजी में उसको Child life tree (चाइल्ड लॉइफ ट्री) कहते हैं।
लेकिन भारत के अन्य प्रांतों में पुत्रजीवक को कई नामों से पुकारा जाता है। जैसे-
- Sanskrit-पुत्रजीव, पुत्रजीवक, गर्भद, यष्टीपुष्प, अर्थसाधक;
- Hindi-जियापोता, पितौजिया, पुत्रजीव, जुति;
- Uttarakhand-जूटी (Juti);
- Odia-मोलोकोलि (Molokoli), सुतजीवा (Sutajivah);
- Urduपैशन्दिया (Paishandia);
- Konkani-समन (Saman);
- Kannada–पुत्रजीव (Putra jiva), पुत्रजीवी (Putrajivi);
- Gujrati-पुत्रन जीव (Putran jiva);
- Tamil-इरुकोली (Irukoli);
- Telugu–कुदुरु जीवि (Kuduru jivi);
- Nepali-पुत्रन्जीवा (Putranjiva);
- Panjabi-जियापुत्रा (Jiyaputra);
- Bengali-पुत्रन्जीवा (Putranjiva);
- Marathi-जीवपुत्रक (Jivputrak), पुत्र जीव (Putran jiv);
- Malayalam–पोंगालम (Pongalam)।
- English-इण्डियन अमुलेट प्लान्ट (Indian amulet plant), स्पूरीयस वाइल्ड ओलिव (Spurious wild olive)।
पुत्रजीवक
पुत्रजीवक बीज के फायदे और उपयोग (Putrajeevak Beej Benefits and Uses in Hindi)
आयुर्वेद में पुत्रजीवक बीज को औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। पुरुष और महिला दोनों के यौन संबंधी समस्या और प्रजनन संबंधी समस्या के लिए उपचार (shivlingi beej ke fayde) स्वरूप इसका प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा और भी किन बीमारियों के लिए ये फायदेमंद है, चलिये इसके बारे में जानते हैं।
सिरदर्द में पुत्रजीवक बीज के फायदे (Benefits of Putrajeevak Beej in Fighting with Headache in Hindi)
अगर दिन भर काम करने के बाद सिर में दर्द होता है तो पुत्रजीवक का इस्तेमाल (shivlingi beej uses in hindi) इस तरह से करें। पुत्रजीवक फल के रस को पीसकर मस्तक पर लगाने से सिरदर्द कम होता है।
कफ की समस्या में पुत्रजीवक के फायदे (Putrajeevak Beej (Shivlingi) Benefits to Treat Chest Congestion in Hindi)
सर्दी-खांसी के कारण छाती में जो कफ जम जाता है उसको निकालने में पुत्रजीवक काम करता है। पुत्रजीवक के रस को थोड़ा गर्म करके (5 मिली) में हींग डालकर पीने से छाती की जकड़न दूर होती है। इससे छाती से कफ निकल जाता है और राहत मिलती है।
बार-बार प्यास लगने की समस्या में पुत्रजीवक बीज के फायदे (Putrajeevak Beej (Shivlingi) Benefits to Get Relief from Thirst Feeling in Hindi)
कभी-कभी किसी बीमारी के कारण बार-बार प्यास लगने का एहसास होता है। पुत्रजीवक के पत्ते एवं बीज का काढ़ा बनाकर 10-15 मिली मात्रा में पीने से प्रतिश्याय (Coryza)या तृष्णा (प्यास) में लाभ होता है।
हाथीपांव रोग में पुत्रजीवक बीज के सेवन से लाभ (Benefits of Putrajeevak (Shivlingi) Beej for Elephantiasis Disease in Hindi)
हाथीपांव के इलाज में पुत्रजीवक का सेवन करना फायदेमंद होता है। 5-10 मिली पुत्रजीवक के रस का सेवन करने से हाथी पांव रोग के परेशानी से छुटकारा मिल सकता है।
फोड़े-फुंसी के इलाज में पुत्रजीवक के उपयोग से लाभ (Putrajeevak Beej Uses for Blister in Hindi)
पुत्रजीवक फल मज्जा को पीसकर लेप करने से दर्द वाला फोड़ा-फून्सी कम होता है। इसके अलावा पुत्रजीवक (putrajivak) की छाल को पीसकर लेप करने से फोड़े-फून्सी मिटते हैं।
बुखार में पुत्रजीवक बीज के सेवन से लाभ (Putrajeevak Beej Uses in Fighting with Fever in Hindi)
मौसम बदला कि नहीं बुखार के तकलीफ से सब परेशान हो जाते हैं। बुखार के लक्षणों से राहत पाने के लिए10-20 मिली पुत्रजीवक पत्ते के काढ़े का सेवन करने से ज्वर में लाभ होता है।
जहरीले जानवर के डंक मारने पुत्रजीवक के औषधीय गुण से लाभ (Putrajeevak Beej (Shivlingi) is Beneficial for Snake and Scorpion Bite in Hindi)
कई बार बिच्छु या साँप के काटने पर उसके जहर के असर को कम करने में पुत्रजीवक बीज (patanjali putrajeevak beej) असरदार रूप से काम करता है। पुत्रजीवक का सेवन करने पर विष का प्रभाव कुछ हद तक कम होता है। 1-2 ग्राम पुत्रजीवक फल मज्जा को नींबू के रस में पीसकर पीने से विष के असर करने का गति कम होता है। बेहतर परिणाम के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर मिलें।
पुत्रजीवक के उपयोगी भाग (Useful Part of Putrajeevak in Hindi)
आयुर्वेद में पुत्रजीवक (putrajivak) के पत्ते, बीज तथा फल मज्जा का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। चिकित्सक के परामर्शानुसार सेवन करना चाहिए।
पुत्रजीवक का उपयोग कैसे करें? (How to Use Putrajeevak in Hindi?)
बीमारी के लिए पुत्रजीवक बीज का सेवन और इस्तेमाल कैसे करना चाहिए, इसके बारे में पहले ही बताया गया है। अगर आप किसी ख़ास बीमारी के इलाज के लिए पुत्रजीवक का उपयोग कर रहें हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह ज़रूर लें।
पुत्रजीवक कहां पाया और उगाया जाता है? (Where is Putrajeevak is Found or Grown in Hindi?)
पुत्रजीवक वृक्ष भारत के उष्ण प्रदेशों में पाये जाते हैं। इसे भारत में पुत्र प्राप्ति के आयुर्वेदिक मेडिसिन (santan prapti ke ayurvedic upay) या पुत्र प्राप्ति की दवा के रूप में उपयोग किया जाता है।
पुत्रजीवक
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