English – Indian olibanum tree (इण्यिनम ओलीबेनम ट्री), कलीबेनम (Clibanum), व्हाईट डैमर (White dammer), इण्डियन प्रैंन्कीनसेन्स ट्री (Indian frankincense tree)Sanskrit – सुवहा, सुरभी, रसा, सुस्रवा, गजभक्ष्या, शल्लकी, महेरुणा, कन्दुरुकी, वल्लकी, बहुस्रवाHindi (boswellia in hindi)- सालई, सलई गूगुल, लबानUrdu- कुन्दुर (Kundur), लोबाना (Lobana)Oriya – लोबान (Loban)Kannada – धूप (Dhupa)Gujarati – धूप (Dhup), गुगली (Gugali)


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Shallaki: शालाकी के हैं कई जादुई लाभ – Tikeshwar rajnire (knowledge)

शालाकी (sallaki) को लोबान (Loban) भी कहते हैं। प्रायः लोबान (शालाकी) का इस्तेमाल घरों में पूजा-पाठ के दौरान धूप जलाने में किया जाता है।बहुत सारे लोग लोबान (शालाकी) के बारे में जानते भी होंगे और अनेकों बार लोबान को प्रयोग में भी लाए होंगे, लेकिन आपको यह नहीं पता होगा कि लोबान एक बहुत ही उत्तम जड़ी-बूटी भी है और लोबान के फायदे से कई रोगों को ठीक कर सकते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, जोड़ों के दर्द और सूजन की परेशानी, ल्यूकोरिया, कब्ज और बवासीर सहित कई रोगों में शालाकी के इस्तेमाल से फायदे मिलते हैं। 

 

Shallaki (loban) benefits

 

शालाकी स्वाद में तीखा, कड़वा और कसैला होता है। यह पचने में आसान होता है। यह वात, पित्त, कफ को ठीक करता है। यह टूटी हुई हड्डियों को जोड़ता है। घाव, मोटापा, योनि विकार, खून की गर्मी, और पेचिश में भी लोबान (Loban) से लाभ (punarnava mandur benefits)  मिलता है। आइए जानते हैं कि शालाकी से और क्या-क्या लाभ मिलता है।

 


लोबान (शालाकी) क्या है? (What is Shallaki in Hindi?)

शालाकी (sallaki) के पेड़ की छाल, राख के रंग की होती है। इसके पत्ते नीम के पत्ते की तरह होते हैं।  इसके पत्तों को हाथी बड़े चाव से खाते हैं, इसलिए इसे गजभक्ष्या भी कहते हैं। शालाकी (लोबान) का पौधा (Shallaki Plant) लगभग 18 मीटर तक ऊँचा, मंझले से बड़े आकार का होता है। इस पेड़ में फैली हुई शाखाएं और ढेर सारे पत्ते होते हैं। इसका तना गोंदयुक्त और छाल धूसर, चिकनी और पतली होती है। छाल लालिमायुक्त पीली या हरा रंग लिए सफेद रंग की तथा कागज के समान छूटने वाली होती है। यहां आपकी भाषा और बहुत ही आसान शब्दों (boswellia serrata in hindi) में लोबान (शालाकी) से होने वाले सभी फायदे के बारे में बताया गया है।

 

अनेक भाषाओं में शालाकी (लोबान) के नाम (Name of Shallaki in Different Languages)

शालाकी (shallaki) का लैटिन नाम बॉसवेलिया सेरेटा (Boswellia serrata Roxb. ex Colebr., Syn-Boswellia glabra Roxb.) है, और यह Burseraceae (बरसरेसी) कुल का है। इसे देश और विदेशों में अनेक नामों से जाना जाता है, जो ये हैंः-

Shallaki in-

  • English – Indian olibanum tree (इण्यिनम ओलीबेनम ट्री), कलीबेनम (Clibanum), व्हाईट डैमर (White dammer), इण्डियन प्रैंन्कीनसेन्स ट्री (Indian frankincense tree)
  • Sanskrit – सुवहा, सुरभी, रसा, सुस्रवा, गजभक्ष्या, शल्लकी, महेरुणा, कन्दुरुकी, वल्लकी, बहुस्रवा
  • Hindi (boswellia in hindi)- सालई, सलई गूगुल, लबान
  • Urdu- कुन्दुर (Kundur), लोबाना (Lobana)
  • Oriya – लोबान (Loban)
  • Kannada – धूप (Dhupa)
  • Gujarati – धूप (Dhup), गुगली (Gugali)
  • Tamil – कुंदुरुक्कम (Kundurukkam), अट्टम (Attam)
  • Telugu – अंडूगा (Anduga), धूपामू (Dhupamu), परंगिस्राम्रणि (Parangisramrani)
  • Bengali – कून्डूर (Kundur), सलै (Sallei)
  • Punjabi – साल्ही (Salhi)
  • Marathi – साल्लाई (Sallai), सालईचा डीक (Salaicha dik), सलाफली (Salaphali)
  • Malayalam – पालनकाम (Palankam), सेलो (Selo), हलादीनी (Hladini), मुकुन्डम (Mukundam)
  • Arabic – बास्तेज (Bastaj), कुन्दूर (Kundur)
  • Persian – कुन्दुर (Kundur)

 

शालाकी (लोबान) के फायदे (Shallaki Benefits and Uses in Hindi)

शालाकी (shallaki) का औषधीय प्रयोग, प्रयोग की मात्रा और विधियां ये हैंः-

 

सिरदर्द में शालाकी के फायदे (Shallaki Benefits in Reducing Headache in Hindi)

शालाकी की छाल को पीसकर ललाट (Forehead) पर लगाएं। इससे सिरदर्द ठीक होता है।


Shallaki benefits in headache

 

आँखों के रोग में शालाकी के फायदे  (Benefits of Shallaki to Cure Eye Disorder in Hindi)

शालाकी (लोबान) के रस में चीनी एवं शहद मिलाकर काजल की तरह आँखों में लगाएं। इससे आँख आने की परेशानी में लाभ होता है।


दाँत दर्द में शालाकी से लाभ (Shallaki Benefits in Dental Pain in Hindi)

  • शालाकी (लोबान) के पेड़ की छाल को चबाने से दाँत दर्द और दाँतों का हिलना ठीक होता है।
  • शालाकी की गोंद और बबूल की गोंद को मिलाकर चूसें। इससे मुंह से आने वाली बदबू ठीक (punarnava mandur benefits) होती है।


गले के रोग में लोबान के फायदे (Loban Benefits to Treat Throat Disease in Hindi)

शालाकी की गोंद को गुनगुने जल में घिसकर लेप करें। इससे गले के गांठों की परेशानी (गण्डमाला) में लाभ होता है।


उपदंश (सिफलिस) में लोबान के फायदे (Benefits of Loban in Syphilis Treatment in Hindi)

शालाकी (लोबान) (sallaki) की छाल का काढ़ा बना लें। इसे सिफलिस के घाव को धोएं। इससे घाव ठीक होता है।

Benefits of in Shallaki in syphilis disease

सांसों के फूलने की परेशानी में शालाकी के फायदे (Shallaki Benefits in Respiratory Disease in Hindi)

  • सिह्लक, लोबान (शालाकी), गुग्गुलु तथा पद्मकाष्ठ के बारीक चूर्ण में घी मिला लें। इसे जला लें। इस धुआँ को सूंघने से सांस फूलने की समस्या में लाभ (punarnava mandur benefits) होता है।
  • 2-4 ग्राम शालाकी चूर्ण में घी तथा विषम मात्रा में शहद मिला लें। इसे सेवन करने से सांस फूलना बंद होता है।


पेचिश में लोबान के फायदे (Loban Benefits in Dysentery in Hindi)

  • बेर, अर्जुन, जामुन, आम, लोबान (शालाकी) तथा वेतस की छाल के बारीक चूर्ण (1-2 ग्राम) में चीनी एवं शहद मिलाकर चाटने से पेचिश ठीक (shallaki uses) होता है।
  • शालाकी, बेर, जामुन, प्रियाल, आम तथा अर्जुन की छाल के बारीक चूर्ण (1-2 ग्राम) को एक साथ अथवा अलग-अलग दूध में घोल लें। इसमें शहद मिला कर पीने से खूनी पेचिश की बीमारी ठीक (benefits of loban) होती है।
  • चिरौंजी, सेमल, पीपल, शालाकी तथा तिनिश (काला पलाश) की छाल के 2-4 ग्राम बारीक चूर्ण को बकरी के दूध में घोल लें। इसमें शहद मिलाकर पीने से खूनी पेचिश ठीक होता है।


जोड़ों के दर्द (आर्थराइटिस) में लोबान से लाभ (Benefits of Loban in Joint Pain in Hindi)

शालाकी की गोंद को गुनगुने जल में घिसकर जोड़ों में लगाने से जोड़ों का दर्द ठीक (boswellia serrata) होता है।


Benefits of in Shallaki in joint pain


घाव सुखाने में शालाकी (लोबान) का औषधीय गुण फायदेमंद  (Shallaki Benefits in Wound Healing in Hindi)

कटे या खुले हुए घाव को सिलाई करने के बाद उस पर रेशम का पतला कपड़ा रख दें। इसके बाद लोबान (शालाकी) के फल का चूर्ण छिड़क कर ठीक से बांध दें। इससे घाव जल्दी ठीक (shallaki uses) हो जाता है।


बुखार उतारने में लोबान (शालाकी) का औषधीय गुण लाभदायक (Loban Benefits in Fighting with Fever in Hindi)

शालाकी के फूल का चूर्ण का 2-4 ग्राम सेवन करने से बुखार में लाभ (boswellia serrata) होता है।


लोबान (शालाकी) के औषधीय गुण से दाद का इलाज (Loban Beneficial for Ringworm Treatment in Hindi)

शालाकी की छाल को पीसकर दाद में लगाने से दाद ठीक होता है।

Shallaki benefits in Ringworm


शरीर की प्रतिरक्षक क्षमता बढ़ाने में फायदेमंद शालाकी ( Benefit of Shallaki to Boost Immunity Power of Body in Hindi)

एक रिसर्च के अनुसार शल्लकी में इम्युनिटी बढ़ने या बनाये रखने की क्षमता पायी जाती है। इसके सेवन से शरीर की रोगप्रतिरोध करने की क्षमता में बढ़ोत्तरी होती है।

त्वचा के लिए लोबान फायदेमंद (Shallaki Beneficial for Skin in Hindi)

त्वचा सम्बंधित परेशानियां पित्त दोष के असंतुलित होने के कारण होती हैं। शालकी में पित्त शामक, कषाय एवं शीत गुण पाए जाने के कारण यह त्वचा को स्वस्थ बनाये रखने एवं ठंडक प्रदान करने में मदद करता है।  

तनाव कम करे लोबान (Shallaki Beneficial to Treat Stress in Hindi)

तनाव का अहम् कारण वात दोष का बढ़ना होता है। ऐसे में शल्लकी में पाए जाने वाले वात शामक गुण तनाव को कम करने में मदद करते है। साथ ही इसके बल्य गुण होने के कारण यह मस्तिष्क की नसों को भी बल प्रदान करता है जो तनाव को रोकने में मदद करती है।  

पाचन बेहतर करने में शालाकी का सेवन फायदेमंद (Benefit of Shallaki for Healthy Digestive System in Hindi)

कुछ आचार्यों के अनुसारण शल्लकी के सार में दीपन गुण  के कारण यह अग्नि को दीप्त कर पाचन प्रणाली को भी स्वस्थ रखता है।  

कैंसर के लक्षणों के इलाज में फायदेमंद शालाकी (Benefit of Shallaki To Treat Cancer in Hindi)

एक रिसर्च के अनुसार शल्लकी में एंटी कैंसर गुण भी पाए जाते हैं जो कैंसर के लक्षणों को कम करने में भी मदद करते है। 

कोलेस्ट्रॉल को कम करने में शालाकी फायदेमंद ( Benefit of Shallaki to control Cholesterol in Hindi)

एक रिसर्च के अनुसार शल्लकी में कोलेस्ट्रॉल काम करने की क्षमता भी बताई गई है। यह एच डी एल को बढ़ा कर एल डी एल को कम करने में मदद करती है। 

मधुमेह को नियंत्रित करने में लाभकारी शालाकी (Shallaki Beneficial to Control Diabetes in Hindi)

मधुमेह एक ऐसी परेशानी है जो कि वात और कफ दोष के असंतुलित होने के कारण होती है। शल्लकी में वात और कफ का शमन करने के गुण होते है साथ ही रसायन होने से यह मधुमेह के लक्षणों को कम करने में सहयोग देती है।  

कफ निकालने में लोबान तेल फायदेमंद (Shallaki Beneficial to Get Relief from Loban oil in Hindi)

कुछ आचार्यों के अनुसार  शल्लकी के सार में कफ को  कफ को बाहर निकालने क गुण होता हहै ।

 मौखिक स्वास्थ्य के लिए लोबान का तेल लाभकारी (Shallaki Beneficial to keep Oral Healthy in Hindi)

मुख रोगों के लक्षणों को ठीक करने में भी शल्लकी सहयोगी होती है क्योंकि इसमें कषाय गुण होता है जो मुख के भीतर स्वच्छता उत्पन्न करता है।

शालाकी (लोबान) के उपयोगी भाग (Useful Parts of Shallaki in Hindi)

बाजार में शालाकी के कैप्सूल (sallaki tablets) भी मिलते हैं। आप आयुर्वेद डॉक्टर की सलाह से इसका सेवन कर सकते हैं।

 

शालाकी (लोबान) का इस्तेमाल कैसे करें? (How to Use Shallaki?)

यहां आपकी भाषा और बहुत ही आसान शब्दों (boswellia serrata in hindi) में लोबान (शालाकी) से होने वाले सभी फायदे के बारे में बताया गया है, लेकिन औषधि के रूप में शालाकी (sallaki) का प्रयोग करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह जरूर लें।

 

लोबान (शालाकी) के नुकसान (Shallaki Side Eeffects in Hindi)

शालाकी से ये नुकसान भी हो सकते हैंः-

  • शालाकी कैप्सूल (shallaki tablet) लेने से गैस और जलन की समस्या (shallaki side effects) हो सकती है।
  • गर्भावस्था में शालाकी के सेवन से पहले चिकित्सक की सलाह जरूर लें, या फिर लेने से परहेज करें।

 

लोबान (शालाकी) कहां पाया या उगाया जाता है? (Where is Shallaki Found or Grown?)

भारत में शालाकी का पौधा (shallaki plant) मुख्यतः पश्चिमी हिमालय (Himalaya), उत्तराखण्ड एवं उत्तर प्रदेश के जंगलों में पाया जाता है।

Shallaki (loban) benefits

 

शालाकी 

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