AUTHENTIC, READABLE, TRUSTED, HOLISTIC INFORMATION IN AYURVEDA AND YOGA
हार्मोनल असंतुलन के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार : Home remedies for Hormonal Imbalance.
Q aa aa111qqqहार्मोनलaà
हार्मोन हमारे शरीर में बनने वाले एक तरह के केमिकल है जो रक्त के माध्यम से शरीर के अंगो और ऊतकों तक पहुँचते है। यह शरीर में एंडोक्राइन ग्रंथियों से स्रावित होते हैं तथा शरीर में होने वाली विभिन्न क्रियाओं को प्रभावित करते हैं, जैसे शरीर का विकास, मेटाबॉलिज्म (Metabolism), यौन गतिविधियाँ, प्रजनन और मूड स्विंग्स आदि क्रियाओं में हार्मोन की मुख्य भूमिका होती है। हार्मोन की सूक्ष्म मात्रा भी अधिक प्रभावशाली होती है, इन्हें शरीर में अधिक समय तक संचित नहीं रखा जा सकता है।
हार्मोनल असंतुलन क्या होता है? (What is Hormonal Imbalance?)
हार्मोन्स का संतुलित रहना स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी होता है क्योंकि यह बहुत थोड़ी मात्रा में शारीरिक गतिविधियों को प्रभावित करते हैं। जब यह अपनी निर्धारित मात्रा में रक्त में पहुंचते हैं तो यह शरीर की वृद्धि एवं विकास को सकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं। जब यह अंतस्रावी ग्रंथियों द्वारा अपनी निर्धारित मात्रा में रक्त में पहुँचते हैं तो यह संतुलित कहलाते है और यह शरीर के वृद्धि एवं विकास में मदद करते हैं। यह शरीर की चयापचय क्रिया (metabolism) को सुचारू रूप से चलाने में मदद करते हैं जिससे शरीर को ऊर्जा मिलती है। हार्मोन्स के संतुलित होने से प्रजनन क्रिया भली-भाँति चलती है तथा व्यक्ति का मूड, व्यवहार, आदि सकारात्मक रूप से प्रभावित होते हैं। यह शरीर में होने वाली गतिविधियों एवं विकास को नियंत्रित करते हैं, जैसे शारीरिक अंगों की वृद्धि एवं विकास, प्रजनन आदि को नियमित तरीके से होने और नियंत्रण करने जैसे सारे काम हार्मोन की वजह से होते हैं।
हार्मोन असंतुलित होने पर शरीर पर कई तरह से असर डालते हैं, इसके बारे में विस्तृत जानकारी होना भी ज़रूरी होता है।
ग्रोथ हार्मोन (Growthharmone)–
इस हार्मोन का निर्माण पीयुष ग्रंथि (Pitutary gland) द्वारा होता है जो हमारे मस्तिष्क पर स्थित होती है। यह मांसपेशियों को बढ़ाने, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने, शरीर में कोशिकाओं के पुननिर्माण और शारीरिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है साथ ही सामान्य शारीरिक संरचना और चयापचय को बनाए रखने में इस हार्मोन का सबसे ज्यादा योगदान होता है।
थाइरॉक्सिन (Thyroxine)–
थाइरॉक्सिन (Thyroxine) हार्मोन का स्राव थॉयरायड (Thyroid) ग्रंथियों द्वारा किया जाता है। यह एक अंतस्रावी ग्रंथि है जो गर्दन में श्वास नली के ऊपर होती है। यह हार्मोन हड्डियों और मस्तिष्क के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इन्सुलिस (Insuleis)–
इस हार्मोन का स्राव अग्न्याशय (Pancreas) द्वारा किया जाता है जो पेट में होता है। यह ग्रंथि कार्बोहाइड्रेट्स को ब्लड शुगरr में परिवर्तित करती है और इंसुलिन(insulin)इस रक्त शर्करा (blood sugar) को ऊर्जा में परिवर्तित कर देता है। इससे शरीर मेंशुगर का स्तर नियंत्रण में रहता है।
कॉर्टिसोल (Cortisol)-
यह एक स्ट्रेस हार्मोन (stress hormone)है जिसका निमाण एचिनल (Achenal)ग्रन्थि द्वारा किया जाता है। यह ग्रंथि हमारी दोनों किडनी के ऊपर होती है। कॉर्टिसोल (cortisol) हमें स्वस्थ और ऊर्जावान रखने में मदद करता है, इसकी मुख्य भूमिका स्ट्रेसको कंट्रोल करना है। तनावपूर्ण स्थिति से सामना करने के लिए हमारा शरीर कॉर्टिसोल (cortisol) का स्राव करता है।
एस्ट्रोजेन (Estrogen)-
महिलाओं में प्रजनन, मासिक धर्म, यौन विकास एवं मेनोपोज के लिए महत्वपूर्ण है।
टेस्टास्टरोन (Testosterone)-
यह एक पुरूष सेक्स हार्मोन है। यह शरीर की मांसपेशियों के निर्माण में मदद करता है और पुरुष प्रजनन टिशु के विकास और यौन शक्ति को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि पुरूषों में इस हार्मोन का उत्पादन अपर्याप्त मात्रा में होता है तो इसके कारण कमजोरी, मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ापन देखने को मिलते है।
हार्मोन असंतुलन क्यों होता है? (Causes of Hormone Imbalance)
हार्मोन अंसतुलन होने के बहुत सारे कारण होते हैं। इन सब में बड़ा कारण असंतुलित जीवनशैली होती है। जैसे-
-अनियमित जीवनशैली इसका सबसे बड़ा कारण है।
-प्राकृतिक आहार न लेकर उसकी जगह जंक फूड, डिब्बाबंद या प्रिजरवेटिव युक्त आहार का सेवन अधिक करना।
-अपर्याप्त नींद।
-अत्यधिक तनाव में रहना।
-समय से भोजन न करना।
-व्यायाम एवं खेल-कूल जैसी शारीरिक गतिविधियों से दूर रहना।
हार्मोनल असंतुलन से बचाव (Prevention Tips for Hormonal Imbalance)
जैसा कि हमने पहले की चर्चा किया कि हार्मोनल असंतुलन का मूल कारण असंतुलित जीवनशैली होता है इसलिए सबसे इसको नियंत्रित करना ज़रूरी होता है।
-पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन करें एवं समय पर भोजन करने की आदत डालें।
-पर्याप्त भोजन के अतिरिक्त ताजा फलों का भी सेवन जरुर करें।
-पर्याप्त नींद लें, एक व्यस्क व्यक्ति को लगभग 6-7 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए।
-अपनी दिनचर्या में व्यायाम एवं प्राणायाम को भी जगह दें। रोज सुबह उठकर व्यायाम करें और तनाव से बचने के लिए ध्यान और प्राणायाम करें।
-अधिक से अधिक खुश रहने की कोशिश करें क्योंकि तनाव के कारण हार्मोन्स में असंतुलन आता है।
हार्मोनल अंसतुलन के लिए घरेलू उपचार (Home Remedies for Hormonal Imbalance)
वैसे तो हार्मोन को संतुलित करने के लिए सबसे पहले घरेलू नुस्ख़ों को ही अपनाया जाता है। यहां हम पतंजली के विशेषज्ञों द्वारा पारित कुछ ऐसे घरेलू उपायों के बारे में बात करेंगे जिनके सेवन से हार्मोन को संतुलित किया जा सकता है-
नारियल तेल हार्मोन को संतुलित करने में करे मदद (Coconut Oil Beneficial in Hormonal Imbalance in Hindi)
अपने आहार में नारियल का तेल शामिल करें। यह हार्मोन्स को संतुलित रखने में मदद करता है और वजन को भी नियंत्रित करता है।
ग्रीन टी हार्मोन को संतुलित करने में करे मदद (Green Tea Beneficial in Hormonal Imbalance in Hindi)
ग्रीन टी का सेवन करें। यह हमारे चयापचय के प्रक्रिया को बेहतर बनाती है और हार्मोन्स के संतुलन में मदद करती है।
ओट्स हार्मोन को संतुलित करने में करे मदद (Oats Beneficial in Hormonal Imbalance in Hindi)
ओट्स न केवल पोषक तत्वों से भरपूर है बल्कि यह ब्लड शुगर को भी नियंत्रित रखता है और हार्मोन्स को संतुलित बनाए रखता है इसलिए ओट्स को आहार के रूप में ले।
दालचीनी हार्मोन को संतुलित करने में करे मदद (Cinnamon Beneficial in Hormonal Imbalance in Hindi)
दालचीनी पाउडर को अपनी चाय या आहार में शामिल करें। यह हार्मोन्स को संतुलित रखने में सहायक है और इंसुलिन को भी काफी हद तक संतुलित रखता है।
जैतून के तेल का सेवन हार्मोन को संतुलित करने में करे मदद (Olive Oil Beneficial in Hormonal Imbalance in Hindi)
रिफाइण्ड तेल की जगह अपने भोजन मेंजैतून के तेल का इस्तेमाल करने से असंतुलित हार्मोन को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
दही का सेवन हार्मोन को संतुलित करने में करे मदद (Curd Beneficial in Hormonal Imbalance in Hindi)
प्रतिदिन एक कप दही का सेवन करें। यह शरीर में अच्छे बैक्टीरिया के संतुलन को बनाए रखते हैं।
गाजर हार्मोन को संतुलित करने में करे मदद (Carrot Beneficial in Hormonal Imbalance in Hindi)
गाजर का सेवन करना अच्छा होता है। गाजर में एक अलग तरह का फाइबर होता है जो अतिरिक्त एस्ट्रोजेन को शरीर से बाहर निकाल कर डिकॉक्सटिफिकेशन में मदद करता है। माहवारी से पहले होने वाली समस्याओं से परेशान महिलाओं को गाजर का सेवन करना चाहिए।
डार्क चॉकलेट हार्मोन को संतुलित करने में करे मदद (Dark Chocolate Beneficial in Hormonal Imbalance in Hindi)
डार्क चॉकलेट मूड ठीक करके अवसाद को खत्म करने में सहायक होती है। यहएंड्रोफीन हार्मोन के स्तर को बढ़ाती है और इसमें मौजूद कईं अन्य तत्व व्यक्ति को खुश रहने का एहसास दिलाते हैं।
अलसी के बीज हार्मोन को संतुलित करने में करे मदद (Flax Seed Beneficial in Hormonal Imbalance in Hindi)
अलसी के बीज (Flax seeds), कद्दू के बीज (Pumpkin seeds) और सूरजमुखी के बीज (Sunflower seeds) में अच्छी मात्रा में ओमेगा-3 Fatty acids होते हैं। ओमेगा-3 Fatty acids वह हार्मोन बनाता है जो महिलाओं के लिए उपयोगी है और मासिक धर्म और रजोनिवृत्ति के लक्षणों (Menstrul cramps and menopausalsymptoms) से राहत दिलाने में मदद करता है। इसलिए प्रतिदिन इनका सेवन करें।
अश्वगंधा हार्मोन को संतुलित करने में करे मदद (Ashwagandha Beneficial in Hormonal Imbalance in Hindi)
प्रतिदिन 2-3 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण का सेवन करें। यह हार्मोनल असंतुलन से होने वाले सभी लक्षणों को ठीक करता है। जैसे- नींद की कमी, चिड़चिड़ापन, अवसाद, अधिक पसीना आना, हॉट फ्लैशेज़ , प्रजनन क्षमता में कमी आदि।
टिप्पणियाँ