Sanskrit-सितालुकHindi-शकरकन्दUrdu-शकरकन्द (Shakarkand)Assamese-बोगालु (Bogaalu), रंगालु (Rangaalu)Konkani-कनंग (Kanang), कोनोंग (Konong)Kannada-गेनासु (Genasu); कनंगी (Kanangi), सक्कारीया (Sakkariya)Tamil-सक्केराईवल्लेइकेलांगु (Sakkereivelleikelangu), वालीकिलांगु (Vallikilangu)Telugu-गेनासू (Genasu), चेलागडा (Chelagada)Bengali-रंगालु (Rangaalu), चिनेलू (Chinealu), लाल आलू (Lal alu)Panjabi-शखर-कुन्द (Sakhar-kund), शकरकंद (Shakarkand)
Shakarkand: नव जीवन दे सकती है शकरकन्द-Tikeshwar rajnire (knowledge)
शकरकंद का परिचय ( Introduction of Sweet Potato)
शकरकंद को मीठा आलू (sweet potato in hindi) भी कहते हैं। आम तौर पर उपवास के समय शकरकंद को उबालकर खाया जाता है क्योंकि ये एनर्जी या ऊर्जा का स्रोत होता है। शकरकंद (shakarkand) में कई तरह की पौष्टिकताएं होती है जिसके कारण आयुर्वेद में औषधि के रुप में उपयोग किया जाता है। शकरकंद एक ऐसा फल है जो कच्चा या पका दोनों रूपों में सेवन किया जाता है। और उसको उबालकर खाना अच्छा होता है। शायद आपको ये सुनकर आश्चर्य होगा कि शकरकंद मीठा होने के बावजूद डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद (benefits of shakarkandi) होता है। चलिये शकरकंद के बारे में और शकरकंद के फायदों (sweet potato benefits) के बारे में आगे विस्तार से बात करते हैं।
शकरकंद क्या है ?(What is Sweet Potato in Hindi?)
शकरकंद (sweet potato in hindi) विटामिन सी, विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स, आयरन, फॉस्फोरस और बीटा कैरोटीन का स्रोत होता है जिसके कारण पौष्टिकता से भरपूर होता है। शकरकंद मीठा, थोड़ा ठंडा और गरम, वात और पित्त को कम करने वाला, कफ को बढ़ाने वाला, शक्ति को बढ़ाने वाला, कब्ज से राहत दिलाने वाला होता है। इसका कंद विरेचक, वाजीकारक, मूत्रल बलकारक, कवकरोधी, जीवाणुरोधी, विबन्ध, प्रदर, अर्श, मधुमेह, कुष्ठ, पूयमेह तथा मूत्रकृच्छ्र में हितकर होता है। इसके भूमिगत कंद (bulb),लाल, सफेद अथवा पीले रंग का होता है। आम तौर पर शकरकंद बीच में मोटा तथा दोनों किनारों पर पतला होता है।
अन्य भाषाओं में शकरकंद के नाम (Name of Shakarkand in Different Languages)
शकरकंद का वानास्पतिक नाम Ipomoea batatas(Linn.) Lam. (आइपोमिया बटॉटास्) Syn-Convolvulus batatas Linn होता है। ये कुल : Convolvulaceae (कान्वाल्वुलेसी) का होता है। शकरकंद को अंग्रेजी में : Sweet potato (स्वीट पोटैटो) कहते हैं। लेकिन इसके अलावा भारत के अन्य प्रांतों में शकरकंद को दूसरे नामों से भी पुकारा जाता है।
Sweet Potato in-
- Sanskrit-सितालुक
- Hindi-शकरकन्द
- Urdu-शकरकन्द (Shakarkand)
- Assamese-बोगालु (Bogaalu), रंगालु (Rangaalu)
- Konkani-कनंग (Kanang), कोनोंग (Konong)
- Kannada-गेनासु (Genasu); कनंगी (Kanangi), सक्कारीया (Sakkariya)
- Tamil-सक्केराईवल्लेइकेलांगु (Sakkereivelleikelangu), वालीकिलांगु (Vallikilangu)
- Telugu-गेनासू (Genasu), चेलागडा (Chelagada)
- Bengali-रंगालु (Rangaalu), चिनेलू (Chinealu), लाल आलू (Lal alu)
- Panjabi-शखर-कुन्द (Sakhar-kund), शकरकंद (Shakarkand)
- Marathi-रतालु (Ratalu), रताली (Ratali)
- Malayalam-कापाकालेंगा (Kapakalenga)
- English-स्वीट पोटेटो (Sweet potato)
- Arbi-बटाटा हलुवाह (Batatah haluwah)
- Persian-लर्दाकलाहोरी (Lardaklahori)
शकरकंद के फायदे (Sweet Potato Benefits and Uses in Hindi)
जैसा कि पहले ही बताया गया है कि शकरकंद (Sakarkand) के बहुत सारे स्वास्थ्यवर्द्धक गुण होते हैं, इसलिए आयुर्वेद में इसको कई तरह के बीमारियों के लिए औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है। शकरकंद किन-किन बीमारियों के लिए और कैसे प्रयोग में लाया जाता है ये जानने के लिए आगे बढ़ते हैं।
विबंध या कब्ज में फायदेमंद शकरकंद (Shakarkandi to Relieves Constipation in Hindi)
अक्सर आहार में फेरबदल होने पर कब्ज की परेशानी होती है या किसी-किसी को लंबे समय तक कब्ज के समस्या से ग्रस्त रहना पड़ता है। शकरकंद को भूनकर सेवन करने से कब्ज के कष्ट से निजात मिलता है।
शकरकंद का सेवन दस्त रोकने में फायदेमंद (Sakarkandi to Fight Diarrhoea in Hindi)
खान-पान में समस्या होने पर या इंफेक्शन होने पर दस्त की परेशानी होती है। लंबे समय तक दस्त होने पर शरीर से जल की मात्रा कम हो जाती है। शकरकंद के जड़ को उबालकर सेवन करने से अतिसार या दस्त से राहत मिलती है।
मूत्र संबंधी समस्याओं में फायदेमंद शकरकंद (Benefit of Sweet Potato in Urinary Disease in Hindi)
यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होने पर मूत्र संबंधी कई तरह की समस्याएं होती है, जैसे- मूत्रमार्ग से स्राव होता है और पेशाब करने से जलन जैसी बहुत तरह की समस्याएं होती है। शकरकंद के जड़ का प्रयोग मूत्रमार्ग से होने वाले स्राव की चिकित्सा में ये होता है। पेशाब करने में जलन होने पर शकरकंद को जड़ का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा शकरकन्दी को काटकर-सुखाकर, उबालकर या काढ़ा बनाकर पीने से मूत्र संबंधी और रोगों तथा मूत्रदाह में लाभ होता है।
फोड़ा सुखाने के लिए शकरकंद का प्रयोग (Sweet Potato Heals Boil in Hindi)
अगर लंबे समय से कोई फोड़ा नहीं सूख रहा है तो शकरकन्द को भूनकर पुल्टिस या पोटली की तरह बनाकर बांधने से फोड़ा जल्दी फटकर सूख जाता है।
झाइंयों या पिग्मेंटशन को कम करे शकरकंद (Sakarkand to Treat Pigmentation in Hindi)
आजकल चेहरे पर दाग-धब्बों की समस्या आम हो गई है। कच्ची शकरकन्दी को घिसकर चेहरे पर लगाने से चेहरे की झांईयां मिटती है तथा चेहरे की कान्ति बढ़ती है।
त्वचा में निखार लाये शकरकंद (Sweet Potato Beneficial for Glowing Skin in Hindi)
आजकल तनाव भरी जिंदगी का सीधा असर त्वचा पर पड़ती है, फलस्वरूप चेहरे की कांति खो जाती है। कच्ची शकरकन्दी को गोल काटकर या पीसकर चेहरे पर लगाने से चेहरे की कान्ति वापस आ जाती है।
कमजोरी दूर करें शकरकंद (Sweet Potato Helps to Fight Weakness in Hindi)
अक्सर लंबे समय से बीमार पड़ने से कमजोरी हो जाती है। शकरकंद के मूल या जड़ का सेवन करने से कमजोरी दूर होती है।
शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए शकरकंद खाने के फायदे (Benefit of Sakarkand help to Hydrate Body in Hindi)
शरीर को हाइड्रेटेड रखने में शकरकंद उपयोगी होता है क्योंकि एक रिसर्च के अनुसार यह शकरकंद में प्रचुर मात्रा में जलीय तत्त्व पाया जाता है जो की शरीर को हाइड्रेटेड करने में मदद करता है।
पेट के अल्सर के उपचार में शकरकंद के फायदे (Sweet Potato Beneficial in Stomach Ulcer in Hindi)
पेट के अलसर पित्त दोष के बढ़ने है। एक रिसर्च के अनुसार शकरकंद में एंटी इंफ्लामेटरी और एंटी अल्सर गुण होने के कारण यह पेट के अलसर में भी लाभ पहुँचता है साथ ही इसमें पित्त शामक गुण होने के कारण भी यह अलसर में लाभ पहुंचता है।
मधुमेह के उपचार में शकरकंद के फायदे (Sweet Potato Beneficial to Control Diabetes in Hindi)
एंटी डायबिटिक गुण होने के कारण यह डायबिटीज यानि मधुमेह में भी लाभदायक होता है। आयुर्वेद अनुसार यह रसायन होने के कारण मधुमेह के लक्षणों को काम करता है।
ब्रोंकाइटिस में शकरकंद खाने के फायदे (Benefit of Shakarkand for Bronchitis in Hindi)
एक रिसर्च के अनुसार शकरकंद में एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लामेटरी गुण होने के कारण यह ब्रोंकाइटिस में भी फायदेमंद होता है। यह रसायन होने के कारण इसके लक्षणों को कम करने में भी सहयोगी होता है।
पाचन में उपयोगी शकरकंद के फायदे (Shakarkand Beneficial in Digestion in Hindi)
एक रिसर्च के अनुसार शकरकंद के छिलकों में पाचक गुण होता है क्योंकि इसमें प्रोटीन्स का स्टोरेज रहता है।साथ ही इसके कोष्ण होने के कारण यह मंदाग्नि को स्वस्थ कर पाचन शक्ति को बढ़ता है।
कैंसर में शकरकंद खाने के फायदे (Sweet Potato Beneficial to Treat Cancer in Hindi)
एक रिसर्च के अनुसार शकरकंद में एंटी कैंसर गुण होने के कारण यह कैंसर से लड़ने की क्षमता भी रखता है।
गठिया के उपचार में शकरकंद खाने के फायदे (Shakarkand Beneficial to Get Relief from Gout in Hindi)
गठिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें जोड़ों में शोथ यानी सूजन आदि उत्पन्न होते है क्योंकि वात दोष की वृद्धि होती है । शकरकंद में वाट शामक एवं एंटी इंफ्लामेटरी गुण होने के कारण यह गठिया में लाभ पहुँचाता है।
अस्थमा के कष्ट से दिलाये आराम शकरकंद (Shakarkand Beneficial to Get Relief from Asthma in Hindi)
शकरकंद के ऊपर किये गए एक रिसर्च से पता चला है कि इसमें एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लामेटरी गुण होता है। यह ब्रोंकाइटिस में भी फायदेमंद होता है। यह रसायन होने के कारण अस्थमा के लक्षणों को कम करने में भी सहयोगी होता है।
सूजन को कम करने में सहयोगी शकरकंद (Benefit of Shakarkand in Inflammation in Hindi)
शरीर में बाह्य या आभ्यंतर आघात होने से या दोषों के बिगड़ने से सूजन उत्पन्न होती है। शकरकंद में वात-पित्त शामक एवं एंटी इंफ्लामेटरी गुण होने के कारण यह सूजन को कम करने में सहयोग देता है।
प्रतिरक्षी प्रणाली को स्वस्थ बनाने में फायदेमंद शकरकंद (Sweet Potato Beneficial to boost Immune System in Hindi)
शकरकंद में रसायन गुण होने के कारण यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
बिच्छू के काटने पर शकरकंद का प्रयोग (Sakarkand for Scorpion Bite in Hindi)
अगर बिच्छु ने काटा है तो छाया में सुखाये हुए सूखे कड़वे शकरकंद को घिसकर दंश स्थान पर लेप करने से वृश्चिक या बिच्छु के विष का प्रभाव कम हो जाता है। इसके अलावा जड़ तथा पत्तों से बने काढ़ा को दंशस्थान पर लगाने से भी लाभ मिलता है।
शकरकंद के उपयोगी भाग (Useful Part of Shakarkand)
आयुर्वेद में शकरकंद के कंद (bulb) और पत्ते का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। चिकित्सक के परामर्शानुसार इसका सेवन करना चाहिए।
शकरकंद खाने से नुकसान (Side Effects of Shakarkand)
सही मात्रा में लिए गए शकरकंद के नुकसान नहीं होते है।यदि मात्रा से अधिक सेवन किया जाये तो यह कफ दोष को बढ़ा सकता है जिससे खांसी – जुकाम जैसी परेशानिया हो सकती है साथ ही इसके गुरु गुण के कारण यह देर से पचता है जिससे कमजोर पाचन शक्ति वालों को इसे पचाने में समय लग सकता है।
शकरकंद का इस्तेमाल कैसे करें ?(How to Use Sweet Potato in Hindi?)
हर बीमारी के लिए शकरकंद का सेवन और इस्तेमाल कैसे करना चाहिए, इसके बारे में पहले ही बताया गया है। अगर आप किसी ख़ास बीमारी के इलाज के लिए शकरकंद का उपयोग कर रहें हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह ज़रूर लें।
शकरकंद कहां पाया या उगाया जाता है? (Where is Sweet Potato Found or Grown in Hindi?)
समस्त भारत में शकरकंद की खेती की जाती है। इसके मीठे कंद को भूनकर या उबालकर व्रत-उपवास में उपयोग किया जाता है।
टिप्पणियाँ