Sanskrit-संध्याकाली, कृष्णकली;Hindi-गुलब्बास, गुलाबास;Urdu-गुलेब्बास (Guleabbas);Konkani-आकाशमुरी (Akashmuri), मेरेम्डी (Meremdi);Kannada-संजामल्लिगे (Sanjamallige), संजिमल्लिगे (Sanjimallige), चट्टमल्लिगे (Chattmallige), चन्द्रमल्लिगे (Chandermallige);Gujrati-गुलबास (Gulbas);Tamil-अन्धिमल्लिगई (Andimalligai);Telugu-चन्द्रमल्ली (Chandarmalli), चन्द्रकान्ता (Chandarkanta);Bengali-कृष्णकेली (Krishnakeli);Nepali-लंकाफूल (Lankaphool);Punjabi-अबासी (Abasi), गुलब्बास (Gulabbas);Malayalam-अन्तिमलारी(Antimalari);Marathi-गुलअब्बास (Gulababas);Manipuri-मुकाक लेई (Mukak lei)।English-ब्यूटी ऑफ दी नाइट (Beauty of the night);Arbi-जहरूलाजल (Zahrulajal), शाहेल्लेइल्ली (Shahelleilli);
गुलब्बास (कृष्णकली) दूर करे कई बीमारियां : Benefits and Side Effects of Gulabbas (Krishnakoli)- Tikeshwar rajnire (knowledge)
आपने गुलब्बास या कृष्णकली का नाम सुना है? शायद नहीं! गुलाबास (कृष्णकली) एक फूल है। यह फूल दोपहर के बाद चार बजे शाम को खिलता है, इसलिए अंग्रेजी में इसे फॉर ओ क्लॉक फ्लावर भी कहा जाता है। यौनशक्ति बढ़ाने, कब्ज की समस्या रोगों के इलाज में गुलाबास (कृष्णकली) के फायदे मिलते हैं। इसके अलावा सूजन कम करने, डायबिटीज, खजुली आदि में भी गुलब्बास से लाभ मिलता है।
आयुर्वेद में गुलब्बास (कृष्णकली) के फायदे के बारे में अनेक बातें बताई गई हैं। आइए जानते हैं कि आप गुलब्बास (कृष्णकली) से क्या-क्य लाभ ले सकते हैं।
गुलब्बास (कृष्णकली) क्या है? (What is Gulabbas (Krishnakoli) in Hindi?)
गुलब्बास मोटे-कंदीय जड़ वाला शाकीय पौधा होता है। यह लगभग 1 मीटर ऊँचा, बहुवर्षिय शाक होता है। इसकी शाखाएँ द्वि-विभाजित होती हैं। इसका तना मांसल तथा पर्वसन्धियों से युक्त होता है। इसके पत्ते साधारण तथा आगे के भाग नुकीले होते हैं। इसके फूल पाँच परिदल पत्ते वाले, लाल, पीला, सफेद या बैंगनी रंग के, धब्बेदार होते हैं, जो सिर्फ शाम के समय खिलते हैं। इसके फूल ठंडे प्रकृति के होते हैं।
इसके फल गोलाकार, लाल रंग के, झुर्रीदार तथा गोल मरिच के समान होते हैं। इसकी जड़ बेलनाकार, लगभग 10 सेमी व्यास या डाईमीटर की होती है। कंद का भीतरी भाग हरा और सफेद रंग का होता है। इसका पुष्पकाल एवं फलकाल जुलाई से जनवरी तक होता है। व्यापारी लोग इसके बीजों को काली मिर्च में मिला दिया करते हैं।
अन्य भाषाओं में गुलब्बास (कृष्णकली) के नाम (Gulabbas (Krishnakoli) Called in Different Languages)
गुलब्बास का वानास्पतिक नाम Mirabilis jalapaLinn. (मिराबिलिस जलापा) Syn-Nyctago jalapae (Linn.) DC होता है। गुलब्बास का कुल Nyctaginaceae (निक्टैजिनेसी) है और अंग्रेजी में इसको Four o’ clock plant (फोर ओ‘ क्लॉक प्लॉन्ट)कहते हैं। भारत के विभिन्न प्रांतों में भिन्न-भिन्न नामों से गुलब्बास को पुकारा जाता है।
Gulabbas in-
Sanskrit-संध्याकाली, कृष्णकली;
Hindi-गुलब्बास, गुलाबास;
Urdu-गुलेब्बास (Guleabbas);
Konkani-आकाशमुरी (Akashmuri), मेरेम्डी (Meremdi);
Kannada-संजामल्लिगे (Sanjamallige), संजिमल्लिगे (Sanjimallige), चट्टमल्लिगे (Chattmallige), चन्द्रमल्लिगे (Chandermallige);
Gujrati-गुलबास (Gulbas);
Tamil-अन्धिमल्लिगई (Andimalligai);
Telugu-चन्द्रमल्ली (Chandarmalli), चन्द्रकान्ता (Chandarkanta);
Bengali-कृष्णकेली (Krishnakeli);
Nepali-लंकाफूल (Lankaphool);
Punjabi-अबासी (Abasi), गुलब्बास (Gulabbas);
Malayalam-अन्तिमलारी(Antimalari);
Marathi-गुलअब्बास (Gulababas);
Manipuri-मुकाक लेई (Mukak lei)।
English-ब्यूटी ऑफ दी नाइट (Beauty of the night);
Arbi-जहरूलाजल (Zahrulajal), शाहेल्लेइल्ली (Shahelleilli);
Persian-गुलेब्बास(Guleabbas)।
गुलब्बास (कृष्णकली) के फायदे और उपयोग (Gulabbas (Krishnakoli) Benefits and Uses in Hindi)
गुलब्बास के बारे में जानने के बाद चलिये अब जानते हैं कि गुलब्बास कैसे और किन-किन बीमारियों के लिए फायदेमंद है।
यौनशक्ति बढ़ाने में गुलब्बास का औषधीय गुण फायदेमंद (Gulabbas Benefits in Increasing Sex ual Power in Hindi)
आजकल तनाव और भाग-दौड़ भरी जिंदगी का सबसे ज्यादा असर सेक्स लाइफ पर भी पड़ता है इसलिए कम उम्र में ही आज के युवा से लेकर वयस्क सब शारीरिक कमजोरी की समस्या से जूझने लगते है। इस समस्या से राहत पाने के लिए गुलब्बास एक बेहतर उपाय है क्योंकि इसमें वाजीकरण का गुण होता है जो कि शरीर की कमजोरी को दूर करके यौन शक्ति को बढ़ाती है। गुलब्बास के कन्द को कद्दूकस करके छाया में सुखा लें तथा पीसकर घी में भून लें। अब इसमें बादाम, पिस्ता, चिरौंजी आदि मेवा के महीन टुकड़े मिलाकर, शर्करा की चाशनी बनाकर सबको मिलाकर 2-3 ग्राम के मोदक बना लें, सुबह शाम 1-1 मोदक को खाकर गाय का दूध पीने से वाजीकारक गुणों की वृद्धि होती है।
वीर्य रोग में गुलब्बास के फायदे (Mirabilis Plant Benefits in Semen Related Disease in Hindi)
आजकल के असंतुलित जीवनशैली का असर वीर्य पर भी पड़ता है जिसके कारण पुरूषों को वीर्य संबंधित रोग होते हैं। इसके फल तथा मूल में वीर्य को गाढ़ा करने का गुण होता है।
पित्त संबंधी रोगों में गुलब्बास के फायदे (Benefits of Gulabbas in Pitta Disorder in Hindi)
गुलब्बास के पत्ते के रस का लेप करने से पित्त के कारण हुए जलन तथा खुजली में आराम मिलता है।
कब्ज में गुलब्बास के फायदे (Benefits of Mirabilis Jalapa to Get Relief from Constipation in Hindi)
कब्ज पेट संबंधी ऐसा रोग है जिससे सभी परेशान रहते हैं। कब्ज की वजह से जब शरीर में पित्त प्रकृति के कारण जलन होता है तथा शरीर में खुजली होने लगती है तो इसके पत्तों के रस की मालिश करने से लाभ होता है।
खुजली में गुलब्बास के औषधीय गुण से लाभ (Benefits of Mirabilis Jalapa in itching in Hindi)
किसी बीमारी के कारण, सनबर्न के वजह से या रूखे त्वचा के कारण भी खुजली की समस्या हो सकती है। गुलब्बास का औषधीय गुण खुजली से राहत दिलाने में मदद करते हैं। गुलब्बास पत्र-स्वरस को प्रभावित अंग पर लगाने से शीतपित्त से होने वाली कण्डु तथा घाव में लाभ होता है।
डायबिटीज के घाव में गुलब्बास के औषधीय गुण से लाभ (Anthimanthaarai Flower Benefits in Diabetes Ulceration in Hindi)
डायबिटीज होने पर कोई भी घाव होने पर सूखने का नाम नहीं लेता या इस बीमारी के चरम अवस्था में घाव होने की संभावना भी होती है। गुलब्बास कंद को पीसकर लगाने से प्रमेह पिड़िका (मधुमेह के कारण हुए घाव) में लाभ होता है।
सिफलिस में कृष्णकली (गुलब्बास) के फायदे (Krishnakoli (Gulabbas) Heals Syphilis in Hindi)
योनि में घाव होने पर गुलब्बास का औषधीय गुण जलन, दर्द और सूजन से आराम दिलाने में मदद करता है। गुलब्बास पत्ते के रस को उपदंशजन्य घाव पर लगाने से जलन, दर्द और सूजन से आराम दिलाने में मदद करता है।
तिल्ली की सूजन में कृष्णकली (गुलब्बास) के फायदे (Benefits of Krishnakoli (Gulabbas) iin Reducing Spleen Inflammation in Hindi)
गुलब्बास की जड़ को छीलकर 2 ग्राम की मात्रा में लेकर तवे पर भूनकर नमक व काली मिर्च मिलाकर खिलाने से प्लीहा शोथ (तिल्ली की सूजन) कम होता है।
फोड़ा सूखाने में कृष्णकली (गुलब्बास) के औषधीय गुण से लाभ (Krishnakoli (Gulabbas) Benefits to Treat Furuncles in Hindi)
गुलब्बास के पत्तों को पीसकर गुनगुना करके बांधने से गांठे और फोड़े जल्दी पकते हैं और फटकर सूख जाते हैं।
सूजन में कृष्णकली (गुलब्बास) के औषधीय गुण से लाभ (Krishnakoli (Gulabbas) Benefits in Reducing Inflammation in Hindi)
अगर शरीर के किसी अंग का सूजन कम नहीं हो रहा है तो गुलब्बास का घरेलू इलाज लाभकारी होता है। गुलब्बास की जड़ को पीसकर लेप लगाने से चोट के कारण उत्पन्न सूजन ठीक हो जाती है।
मोच के दर्द में कृष्णकली (गुलब्बास) से लाभ (Anthimanthaarai Flower Benefits in Cramp’s Pain in Hindi)
गुलब्बास के पत्तों को पीसकर लगाने से मोच में लाभ होता है।
पाइल्स में कृष्णकली (गुलब्बास) के फायदे (Benefits of Krishnakolii (Gulabbas) in Piles Treatment in Hindi)
अगर ज्यादा मसालेदार, तीखा खाने के आदि है तो पाइल्स के बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है। उसमें गुलब्बास का घरेलू उपाय बहुत ही फायदेमंद साबित होता है।
गुलब्बास (कृष्णकली) के उपयोगी भाग: Useful Parts of Krishnakoli (Gulabbas)
आयुर्वेद में गुलब्बास के पत्ते, जड़-कंद या बीज का सबसे ज्यादा प्रयोग औषधि के रूप में किया जाता है।
गुलब्बास (कृष्णकली) का इस्तेमाल कैसे करें? (How to Use Krishnakoli (Gulabbas) in Hindi?)
बीमारी के लिए गुलब्बास के सेवन और इस्तेमाल का तरीका पहले ही बताया गया है। अगर आप किसी ख़ास बीमारी के इलाज के लिए गुलब्बास का उपयोग कर रहे हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह ज़रूर लें। चिकित्सक के परामर्शानुसार 10-20 मिली पत्ते के रस का सेवन कर सकते हैं।
गुलब्बास (कृष्णकली) कहा पाया या उगाया जाता है (Where is Krishnakoli (Gulabbas) Found and Grown in Hindi)
बगीचों तथा घरों में शोभाकारी पौधे के रूप में इसे लगाया जाता है। पुष्प भेद के आधार पर यह कई प्रकार का होता है।
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