Sanskrit-मुनिद्रुम, अगस्त्य, मुनिप्रिया, सूर्यप्रिया, वंगसेन, वक्रपुष्प, व्रणारि, मुनिपुष्प;Hindi-अगस्त, हथिया, अगस्तिया, बास्ना;Urdu-अगस्त (Agast), दरख्ते अगस्त (Darakhte Agast);Odia-बूको (Buko), ओगोस्ती (Ogosti);Kannada–अगासे (Agase), केम्पागासे (Kempagase);Konkani-अगहस्ती (Aghasti);Gujrati-अगाथियो (Agathio);


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अगस्त के हैं ढेर सारे फायदे (Agast Benefits and Side Effects in Hindi) – Tikeshwar rajnire (knowledge)

अगस्त (agastya tree) एक ऐसी जड़ी बूटी है जिसके बारे में  बहुत कम लोगों को पता है। ये सर्दी के दिनों में ही उगते हैं। इसके फूलों से कई तरह के व्यंजन बनाये जाते हैं। लोग इसके फूलों से सब्जी, पकौड़े, अचार, गुलकंद आदि बनाते हैं। अधिकांश लोगों को अगस्त के बारे में इतना ही पता है। क्या आपको जानकारी है कि बीमारियों के इलाज में भी अगस्त के फायदे मिलते हैं। क्या आप जानते हैं कि सिर दर्द, पेट दर्द, आंखों की बीमारी और ल्यूकोरिया में भी अगस्त से लाभ मिलता है।

 

Agastya tree benefits

अगस्त के बीज, फूल, पत्ते, रस, जड़ हर अंश का प्रयोग चिकित्सा के लिए किया जाता है। चलिये जानते हैं कि आप किस-किस रोग में अगस्त के फायदे (agathi cheera beenfits) ले सकते हैं।

 


अगस्त क्या है? (What is Agastya Tree in Hindi?)

इस जड़ी बूटी का नाम अगस्त क्यों पड़ा अगर आप ये जानना चाहते हैं तो ये जानकारी आपके लिए जरूरी है कि मुनिराज अगस्त के नाम से इसकी प्रसिद्धि इसलिए हुई कि जब अगस्त तारे का उदय होता है तब इसके वृक्षों पर फूल लगते हैं। राजनिघंटुकार ने सफेद, पीला, नीला और लाल फूलों के आधार पर इसकी चार प्रजातियां बताई हैं परन्तु अधिकांश रुप में सफेद रंग का फूल ही प्राप्त होता है। इसके कोमल पत्ते, फूल और फलियों का साग बनाकर खाया जाता है।

अगस्त-के फूल-मधुर कड़वा, गुण में रूखे; कफ पित्त दूर करने वाले, ज्वर या बुखार में लाभकारी, प्रतिश्याय (Coryza), रतौंधी, पीनस-रोग में फायदेमंद होते है। अगस्त के पत्ते-कड़वे, तीखे, थोड़े गर्म प्रकृति के, कृमि, कंडू या खुजली, रक्तपित्त (नाक-कान से खून बहना), विष तथा प्रतिश्याय को दूर करने वाले होते हैं। अगस्त की फली कड़वी, छोटी, रुचि,बुद्धि और यादाश्त बढ़ाने वाली होने के साथ-साथ  पांडु या एनीमिया में लाभकारी होती है। इसके अलावा कीड़ा काटने पर विष का प्रभाव कम करने वाली और सूजन कम करने में सहायक होती है। इसका पका फल रूखा और पित्तकारक होता है। इसकी छाल कड़वी, पौष्टिक, पाचक और शक्ति-वर्धक होती है। इसका पत्ता चिन्ता कम करने वाला (Anxiolytic) होता है।

अन्य भाषाओं में अगस्त के नाम (Name of  Agastya tree in different languages in hindi)

अगस्त का वानस्पतिक नाम  Sesbania grandiflora(L.) Pers. (सेस्बेनिया ग्रैण्डीफ्लोरा) Syn. Agati grandiflora (Linn.) Desv. होता है और ये Fabaceae (फैबेसी) कुल का होता है। अगस्त को अंग्रेजी में Scarlet wisteria tree (स्कारलेट विस्टेरिया ट्री) कहते हैं। लेकिन भारत के अन्य प्रांतों में विभिन्न नामों से इसको पुकारा जाता है, जैसे-

August in-

Sanskrit-मुनिद्रुम, अगस्त्य, मुनिप्रिया, सूर्यप्रिया, वंगसेन, वक्रपुष्प, व्रणारि, मुनिपुष्प;

Hindi-अगस्त, हथिया, अगस्तिया, बास्ना;

Urdu-अगस्त (Agast), दरख्ते अगस्त (Darakhte Agast);

Odia-बूको (Buko), ओगोस्ती (Ogosti);

Kannadaअगासे (Agase), केम्पागासे (Kempagase);

Konkani-अगहस्ती (Aghasti);

Gujrati-अगाथियो (Agathio);

Tamil-अगत्ति (Agathi), अचम (Acham);

Teluguअविसे (Avise), अगीसे (Agise);

Bengali-अगस्ती (Agasti), बागफल (Bagfal), बूको (Buko);

Nepali-अगस्ति (Agasti);

Marathi-अगस्त (Agusta), अगाती (Agati);

Malayalam-अकत्ती (Akatti)।

English-विस्टेरिया ट्री (Wisteria tree), वेस्ट इण्डियन पी (West indian pea), सेस्बेन (Sesban);

Arbi-सिसबान (Sisaban), सायसबान् (Saysaban);

Persian-सिसबान (Sisaban)।

 

अगस्त के फायदे और उपयोग (Agastya Cheera Benefit and Uses in Hindi)

अगस्त में विटामिन, आयरन, कैल्शियम, विटामिन ए, बी और सी आदि भरपूर मात्रा में पाया जाता है। साथ ही इसका रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कई बीमारियों के लिए फायदेमंद साबित होता है। चलिये जानते हैं ये कौन-कौन से बीमारियों के लिए फायदेमंद है।

सर्दी-खांसी में अगस्त के फायदे (Benefits of Agastya Tree to Treat Cold and Cough Symptoms in Hindi)

मौसम बदला कि नहीं बच्चे से लेकर बड़े-बूढ़े सबको सर्दी-खांसी की शिकायत हो जाती है। अगस्त के जड़ तथा पत्ते के काढ़े में शहद मिलाकर पिलाने से भी सर्दी-खांसी जैसी समस्या से राहत (agathi cheera beenfits) मिलती है।

 

Benefits of Agastya Tree in Cough problem

सिरदर्द (माइग्रेन) से अगस्त के फायदे (Agastya Tree Benefits in Relief from Headache in Hindi)

अगर आपको काम के तनाव और भागदौड़ भरी जिंदगी के वजह से सिरदर्द की शिकायत रहती है तो अगस्त का घरेलू उपाय बहुत लाभकारी साबित हो सकता है।

जिस तरफ के सिर में दर्द हो, उसके दूसरी ओर के नथुने में अगस्त के पत्तों या फूलों के रस की 2-3 बूंदे टपकाने से , सिरदर्द तथा आधासीसी में लाभ होता है। इसके प्रयोग से प्रतिश्याय जन्य या सर्दी-खांसी के कारण सिरदर्द तथा नाक में जो दर्द होता है उससे राहत मिलती है।


आँखों के रोग में अगस्त के फायदे (Benefits of Agastya Cheera for Eye Disease in Hindi)

आँख संबंधी बीमारियों में बहुत कुछ आता है, जैसे- सामान्य आँख में दर्द, रतौंधी, आँख लाल होना आदि। इन सब तरह के समस्याओं में अगस्त से बना घरेलू नुस्ख़ा बहुत काम आता है।

-अगस्त के 250 ग्राम पत्तों को पीसकर या काढ़ा बनाकर 1 किलो घी में मिलाकर अच्छी तरह पकाकर छानकर रख लें। इस घी को 2-5 ग्राम मात्रा में सेवन करने से रतौंधी (नक्तान्धता) आदि आँख के रोगों से राहत मिलती है। 

-अगस्त के फूलों का साग बनाकर मक्खन के साथ सेवन करने से भी रतौंधी की परेशानी कम होती है।

-अगस्त फूल का रस या फूल का मधु (पुष्पों को तोड़ने में मधु जैसा स्राव निकलना) को 2-2 बूंद नेत्रों में डालने से आँखों का दर्द कम (agastya cheera benefits) होता है।

-अगस्त के फूलों की सब्जी या साग बनाकर कुछ समय तक सुबह-शाम मक्खन के साथ सेवन करने से या अगस्त के फूलों के रस की 2-2 बूंद नेत्रों में डालने से नक्तान्ध्य (रतौंधी) में लाभ होता है।

पेट दर्द में अगस्त के सेवन से लाभ (Benefit of Agastya Cheera to Get Relief from Stomach Pain in Hindi)

अक्सर मसालेदार खाना खाने या असमय खाना खाने से पेट में गैस हो जाने पर पेट दर्द की समस्या होने लगती है। अगस्त की छाल (5-10 ग्राम) का काढ़ा बनाकर 20-30 मिली काढ़े में थोड़ा सेंधानमक और भुनी हुई 2 नग लौंग अथवा हींग मिलाकर सुबह-शाम पीने से दस्त, प्रवाहिका तथा पेट दर्द से राहत मिलती है।

Agastya Tree benefits in stomach disease

स्वरभंग में अगस्त के सेवन से लाभ (Agastya Tree Benefits to Treat Hoarseness in Hindi)

अक्सर खाँसी के वजह से या ठंड लगने पर या बहुत चिल्लाने पर गले की आवाज में भारीपन या फट जाने पर अगस्त का इस तरह से इस्तेमाल करने पर लाभ मिलता है। अगस्त की पत्तियों के काढ़ा से गरारा करने से सूखी खांसी, जीभ का फटना, गले में खराश तथा कफ के साथ खून निकलना आदि रोगों से छुटकारा मिलता है।


सफेद पानी निकलने पर अगस्त का औषधीय गुण फायदेमंद (Agastya Tree Benefits for Leukorrhea in Hindi)

महिलाओं में सफेद पानी निकलने की बीमारी आम होती है। इससे राहत पाने में अगस्त का सेवन बहुत काम आता है। 10 मिली अगस्त-के पत्ते के रस में थोड़ा शहद मिलाकर सेवन करने से तथा अगस्त-के छाले-के रस के पिचु को योनि में धारण करने से सफेद पानी निकलने एवं योनिकण्डु (योनि की खुजली) से राहत मिलती है।

गठिया के दर्द में अगस्त से लाभ (Agastya Cheera Uses to Treat Gout in Hindi)

अक्सर उम्र बढ़ने के साथ जोड़ों में दर्द होने की परेशानी शुरू हो जाती है लेकिन अगस्त का सेवन करने से इससे आराम मिलता है। धतूरे की जड़ और अगस्त की जड़ दोनों को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें और पुल्टिस जैसा बनाकर वेदनायुक्त भाग पर बांधने से दर्द तथा सूजन से राहत मिलती है।

 

Agastya tree benefits in Gout disease


खाज में अगस्त के औषधीय गुण से लाभ (Uses of Agastya Tree to Treat Scabies in Hindi)

आजकल के प्रदूषण भरे वातावरण में त्वचा संबंधी रोग होने का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। हर कोई किसी न किसी त्वचा संबंधी परेशानी से ग्रस्त होते हैं, जैसे- खुजली, दाद आदि। अगस्त-पुष्प के 100 ग्राम चूर्ण को एक लीटर दूध में डालकर दही जमा दें, दूसरे दिन इस दही में मक्खन निकाल कर प्रभावित स्थान की मालिश करने से लाभ होता है।

फोड़े के दर्द से आराम पाने के लिए अगस्त का इस्तेमाल (Agastya Cheera Uses in Boil Swelling and Pain in Hindi)

फोड़ा अगर सूख नहीं रहा है तो अगस्त के पत्तों का इस तरह से प्रयोग करने पर जल्दी सूख जाता है। अगस्त के पत्तों को गर्म कर (यदि पुटपाक-विधि से गर्म करें तो अच्छा है), फोड़े पर बांधने से फोड़ा फूट कर बह जाता है।


बुखार में अगस्त के सेवन से लाभ (Agastya Tree Benefits in Fighting with Fever in Hindi)

अगर मौसम के बदलने के वजह से या किसी संक्रमण के कारण बुखार हुआ है तो उसके लक्षणों से राहत दिलाने में अगस्त बहुत मदद करता है। दो या तीन चम्मच अगस्त-पत्ते-के रस में आधा चम्मच शहद मिलाकर सुबह शाम सेवन करने से शीघ्र ही बुखार का आना रुक जाता है। इसका प्रयोग बराबर 15 दिन तक करना चाहिए।

 

Benefits of Agastya Tree in Fever

मिर्गी में अगस्त के औषधीय गुण से फायदा (Uses of Agastya Tree to Treat Epilepsy in Hindi)

मिर्गी के लक्षणों से राहत पाने में अगस्त बहुत लाभकारी होता है। अगस्त के पत्ते का चूर्ण और कालीमिर्च-चूर्ण के समान मात्रा में लेकर गोमूत्र के साथ पीसकर मिर्गी के रोगी को सुंघाने से लाभ (agastya cheera benefits) होता है। यदि बालक छोटा हो तो अगस्त के दो पत्तों का रस और उसमें आधी मात्रा में काली मिर्च मिलाकर उसमें रूई का फाहा तरकर उसे सूंघने से मिर्गी शांत हो जाती है।


अगस्त के सेवन से याददाश्त में वृद्धि (Abastya Cheera Uses to Boost Memory Power in Hindi)

अक्सर उम्र बढ़ने पर यादाश्त कमजोर होने की समस्या होती है। यादाश्त बढ़ाने में अगस्त बहुत फायदेमंद साबित होता है। 1-2 ग्राम अगस्त-बीज-चूर्ण को गाय के 250 मिली धारोष्ण दूध के साथ सुबह शाम कुछ दिन तक खाने से स्मरण-शक्ति तीव्र हो जाती है।

 

ब्लीडिंग (रक्तस्राव) में अगस्त का औषधीय गुण फायदेमंद (Abastya Cheera Benefits to Stop Bleeding in Hindi)

 महिलाओं के ब्लीडिंग की समस्या से अगर परेशान है तो अगस्त के फूलों का शाक खाने से रक्तस्राव या ब्लीडिंग बंद हो जाती है।

 

Benefits of Abastya tree in Abnormal Uterine Bleeding


अगस्त के उपयोगी भाग (Useful Parts of Agastya Tree)

आयुर्वेद में अगस्त के जड़, छाल, पत्ता, फूल एवं फल का प्रयोग औषधि के लिए किया जाता है।

अगस्त का इस्तेमाल कैसे करें? (How to Use Agastya Tree in Hindi?)

बीमारी के लिए अगस्त के सेवन और इस्तेमाल का तरीका पहले ही बताया गया है। अगर आप किसी ख़ास बीमारी के इलाज के लिए अगस्त का उपयोग कर रहे हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह ज़रूर लें।

चिकित्सक के परामर्श के अनुसार अगस्त के पत्ते का-

10-20 मिली रस ,

 2-4 ग्राम चूर्ण,

20-40 मिली काढ़ा,

1-3 ग्राम बीज का चूर्ण ले सकते हैं।

अगस्त का सेवन करने के नुकसान (Side Effects of Agastya Tree in hindi)

अगस्त के छाल का अधिक मात्रा में सेवन करने से वमन या उल्टी तथा दस्त होने लगता है।

अगस्त कहां पाया और उगाया जाता है? (Where is Agastya Tree Found or Grown in Hindi?)

 

Agastya flower benefits

अगस्त के रोपे हुए वृक्ष सर्वत्र मिलते हैं। जहां जल की प्रचुरता तथा वायुमण्डल गर्म होता है, वहां यह खूब फलता फूलता है।  भारत में यह पंजाब, बंगाल, आसाम, गुजरात, तमिलनाडू तथा अण्डमान द्वीप समूह में प्राप्त होता है। 

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