Sanskrit-सुदर्शन, चक्रांगी, सुदर्शना, चक्राह्वा, मधुपर्णिका;Hindi-सुदर्शन, सुखदर्शन;Konkani-कृतमारी (Kritmari), गोल कंदो (Gol kando);Kannada-विषमूंगूली (Vishamoonguli);Tamil-विषमुंगिल (Vishamungil), तुडाईवचल (Tudaivachl), विजहामूंगल (Vizhamungal);Bengali-सुखदूरसन (Sukhdursan), गेराहूनारा-पट्टा (Gaerahonara-patta), सुखदर्शन (Sukhdarshan);Marathi-गदानी कंद (Gadanikanda), गदनीचा (Gadnicha)English-पॉयजन बल्ब (Poison bulb)
Sudarshan: ईश्वर का वरदान है सुदर्शन- (knowledge)
सुदर्शन
July 16,2020
सुदर्शन के फूल के औषधीय गुणों के आधार पर आयुर्वेद में रोगों के उपचार के तौर पर सुदर्शन का प्रयोग किया जाता है। सुदर्शन कानदर्द, जोड़ों का दर्द, बवासीर जैसे बीमारियों के लिए फायदेमंद सिद्ध होता है। चलिये जानते हैं कि सुदर्शन और कितने फायदे स्वास्थ्य के दृष्टि से गुणकारी हैं।
सुदर्शन क्या होता है? (What is Sudarshan in Hindi?)
सुदर्शन अण्डाकार शल्क कंद (bulb) वाला शाकीय पौधा होता है। इसके फूल विभिन्न आकार के, सुगन्धित तथा सफेद रंग के होते हैं। इसका कंद बड़ा, 12.5-15 सेमी व्यास (डाइमीटर) का तथा गोलाकार होता है। यह मई से जून महीने के बीच फलता और फूलता है।
सुदर्शन मीठा, कड़वा, तीखा, हजम करने में भारी और गर्म तासीर का होता है। सुदर्शन वात और कफ कम करने में सहायक होता है तथा इसका कंद जोड़ो का दर्द कम करने में लाभकारी होता है।
अन्य भाषाओं में सुदर्शन का नाम (Name of Sudarshan in Different Languages in Hindi)
सुदर्शन का वानास्पतिक नाम Crinum latifoliumLinn. (क्राइनम् लैटिफोलियम) Syn-Crinum zeylanicum Linn.; Crinum cochinchinense M.Roem है। सुदर्शन Amaryllidaceae (ऐमेरिलिडेसी) कूल का है। सुदर्शन को अंग्रेजी में Wild leaved crinum (वाईल्ड लीव्ड् क्राईनम) कहते हैं, लेकिन भारत के विभिन्न प्रांतों में भिन्न-भिन्न नामों से जाना जाता है। जैसे-
- Sanskrit-सुदर्शन, चक्रांगी, सुदर्शना, चक्राह्वा, मधुपर्णिका;
- Hindi-सुदर्शन, सुखदर्शन;
- Konkani-कृतमारी (Kritmari), गोल कंदो (Gol kando);
- Kannada-विषमूंगूली (Vishamoonguli);
- Tamil-विषमुंगिल (Vishamungil), तुडाईवचल (Tudaivachl), विजहामूंगल (Vizhamungal);
- Bengali-सुखदूरसन (Sukhdursan), गेराहूनारा-पट्टा (Gaerahonara-patta), सुखदर्शन (Sukhdarshan);
- Marathi-गदानी कंद (Gadanikanda), गदनीचा (Gadnicha)
- English-पॉयजन बल्ब (Poison bulb)
सुदर्शन के फायदे (Sudarshan Uses and Benefits in Hindi)
सुदर्शन (sudarshan in hindi)ऐसा जड़ी बूटी है जो कई तरह के रोगों के लिए फायदेमंद सिद्ध होता है। इनके अलावा सुदर्शन किन-किन रोगों के लिए फायदेमंद हैं ये जानने के लिए आगे विस्तार से जानते हैं-
कान दर्द से दिलाये राहत सुदर्शन (Sudershan Benefits in Ear Disease in Hindi)
अगर दांत दर्द के कारण या ठंडे लगने के वजह से कान में दर्द हो रहा है तो 1-2 बूंद सुदर्शन के पत्ते के रस को कान में डालने से कान का दर्द कम हो जाता है।
बवासीर में फायदेमंद सुदर्शन (Sudershan to Treat Piles in Hindi)
बवासीर के दर्दनाक कष्ट से आराम दिलाने में सुदर्शन (sudarshan ka paudha)काम आता है। सुदर्शन के शल्क कंद को पीसकर अर्श या बवासीर के मस्सों में लेप करने से लाभ होता है। और जोड़ो पर लेप करने से आमवात के दर्द से राहत दिलाने में मदद करती है।
सफेद पानी निकलने की परेशानी करे कम सुदर्शन (Sudershan Benefits for Leucorrhoea in Hindi)
बहुत सारे महिलाओं को सफेद पानी निकलने की समस्या होती है, जिससे कमजोरी भी होती है। ऐसे में सुदर्शन का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। सुदर्शन के तने को दूध में पीसकर मात्रानुसार सेवन करने से सफेद पानी निकलने के कारण जो दर्द होता है उससे आराम दिलाने में मदद करता है।
जोड़ों का दर्द कम करता है सुदर्शन (Sudershan for Rheumatoid Arthritis in Hindi)
गठिया रोग में सुदर्शन का उपयोग फायदेमंद होता है क्योंकि इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी का गुण पाया जाता है। इसके उपयोग से जोड़ों की सूजन कम होती है और गठिया के लक्षणों में कमी आती है। आइये जानते हैं कि गठिया के घरेलू इलाज में रूप में सुदर्शन का उपयोग कैसे करें।
-सुदर्शन की जड़ को पीसकर संधियों यानि जोड़ो पर लगाने से संधिवात का दर्द कम होता है तथा सूजन पर लगाने से सूजन कम होती है।
-सन्धिवात यानि जोड़ो के दर्द तथा वेदनायुक्त रोगों में सुदर्शन की पत्तियों से स्वेदन करने से या पत्तों को पीसकर गुनगुना कर लेप करने से लाभ होता है।
चर्म रोग एवं कुष्ठ के इलाज में फायदेमंद सुदर्शन (Sudershan to Treat Leprosy in Hindi)
आयुर्वेद के अनुसार सुदर्शन का पौधा चर्म रोगों में फायदेमंद है। चर्म रोग होने पर सुदर्शन की पत्तियों का रस प्रभावित जगह पर लगाने से जल्दी लाभ मिलता है। अधिक जानकारी के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सक से संपर्क करें।
कुष्ठ का घाव सुखाने में सुदर्शन बहुत फायदेमंद साबित होता है। समान मात्रा में चक्रमर्द बीज तथा जीरे में सुदर्शन का जड़ मिला कर पीस कर लेप करने से दद्रु (खुजली) तथा कुष्ठ में लाभ मिलता है।
बुखार से राहत दिलाने में उपयोगी है सुदर्शन (Sudarshan Helps in reducing fever in Hindi)
सुदर्शन को आयुर्वेद के बहुत से ज्वरनाशक योगों में एक मुख्य घटक के रूप में उपयोग किया जाता है। इससे यह पता चलता है कि सुदर्शन, बुखार के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। खुराक और सेवन विधि की जानकारी के लिए नजदीकी आयुर्वेदिक चिकित्सक से संपर्क करें।
घाव या फोड़ा सुखाने के लिए सुदर्शन का प्रयोग (Sudershan Heals Boil in Hindi)
फोड़ा सुखाने में सुदर्शन बहुत गुणकारी होता है। भूने हुए शल्क कन्दों को पीसकर फोड़ों पर लेप करने से लाभ (sudarshan ke fayde)होता है। सुदर्शन के गुण फोड़ा को जल्दी सुखाने में मदद करता है।
विद्रधि या घाव में लाभकारी सुदर्शन (Sudershan Heals Abscess in Hindi)
अगर पुराना घाव नहीं सूख रहा है तो सुदर्शन के कंद को पीसकर विद्रधि (घाव) पर लगाने से विद्रधि ठीक होता है।
त्वचा संबंधी बीमारियों से दिलाये राहत सुदर्शन (Sudershan Benefits in Skin Disease in Hindi)
सुदर्शन के पत्ते के रस से सिद्ध तेल को लगाने से त्वचा संबंधी रोगो से छुटकारा मिलती है।
सुदर्शन के उपयोगी भाग (Useful Parts of Sudarshan)
आयुर्वेद में सुदर्शन के पत्ते तथा शल्ककन्द का प्रयोग औषधि के लिए किया जाता है।
सुदर्शन का सेवन कैसे करना चाहिए (How to Use Sudarshan in Hindi)
बीमारी के लिए सुदर्शन के सेवन और इस्तेमाल का तरीका पहले ही बताया गया है। अगर आप किसी ख़ास बीमारी के इलाज के लिए सुदर्शन का पौधा का उपयोग कर रहे हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह ज़रूर लें।
चिकित्सक के परामर्श के अनुसार-
सुदर्शन के पत्ते के रस का 1-2 बूंद सेवन कर सकते हैं।
सुदर्शन कहां पाया और उगाया जाता है (Where is Sudarshan is found or grown in hindi)
सुदर्शन समस्त भारत में उपजता है अथवा प्राकृतिक रूप में प्राप्त होता है।
टिप्पणियाँ