, गन्धजात, पाकरञ्जन, तमालपत्र, पत्रक, तेजपत्र;Hindi-तमालपत्र, पत्र, तेजपत्ता, बराहमी;Kannada-पत्रक (Patraka), लवन्गदापत्ति (Lavangdapatti);Gujrati-तमालपत्र (Tamalpatra), तज (Taj);Tamil-कटटु-मुंकाइ (Kattu-murunkai);Telugu-आकुपत्री (Akupatri), तालीस पत्री (Talispatri);Bengali-तेजपत्र (Tejpatra); Nepali-तेजपात (Tejpat)
Tejpat: तेजपात के हैं अद्भुत फायदे- Tikeshwar rajnire (knowledge)
तेजपत्ता का परिचय (Introduction of Tejpat)
भारत में ऐसा कौन-सा किचन होगा जहां तेजपत्ते का इस्तेमाल खाने में फ्लेवर लाने के लिए नहीं किया जाता होगा। लेकिन शायद बहुत कम लोगों को पता होगा कि तेजपत्ता के ऐसे अनगिनत गुण है जिसके कारण आयुर्वेद में इसको औषधि के रुप में प्रयोग किया जाता है। वैसे तो तेजपत्ता को सूखे मसाले के रुप में खाने में स्वाद और गंध बढ़ाने के लिये डाला जाता है लेकिन इसके सिवा ये सिर दर्द, जुकाम , दमा, अरूची जैसे कई बीमारियों से राहत दिलाने में भी मदद करता है।
तेजपत्ता क्या है? (What is Bay leaf in Hindi?)
तेजपत्ता जो हम खाने में इस्तेमाल करते हैं वह सुखाए हुए होते हैं। सुखाए हुए पत्ते बाजारों में तेजपात के नाम से बिकते हैं। पत्तियों का रंग जैतूनी हरा तथा ऊपर वाला भाग चिकना, 3 स्पष्ट शिराओं वाला होता है। इसका गंध लौंग एवं दालचीनी का सम्मिलित होता है, लेकिन इसका गंध बहुत ही हल्का और मनोरम होता है।
इसका 7.5 मी ऊँचा छोटे से मध्यमाकार का सदाहरित वृक्ष होता है। इसकी तने की छाल का रंग गहरा भूरे रंग का अथवा कृष्णाभ, थोड़ी खुरदरी, दालचीनी की अपेक्षा कम सुगन्धित तथा स्वादरहित, बाहर का भाग हल्का गुलाबी अथवा लाल भूरे रंग की सफेद धारियों से युक्त होती है। इसके पत्ते सरल, विपरीत अथवा एकांतर, 10-12.5 सेमी लम्बे, विभिन्न चौड़ाई के, अण्डाकार, चमकीले, नोंकदार, 3 शिराओं से युक्त सुगन्धित एवं स्वाद में तीखे होते हैं। इसके नये पत्ते कुछ गुलाबी रंग के होते हैं। इसके फूल हल्के पीले रंग के होते हैं। इसके फल अण्डाकार, मांसल, लाल रंग के, 13 मिमी लम्बे होते हैं। इसका पुष्पकाल एवं फलकाल अगस्त से फरवरी तक होता है।
तेजपत्ता के एंटी-इंफ्लैमटोरी, एंटीफंगल, एंटीबैक्टिरीयल गुणों के कारण उसको आयुर्वेद में उपचार के लिए विशेष स्थान प्राप्त है। तेजपत्ता प्रकृति से हल्का, तीखा, कड़वा, मधुर, गर्म होता है। यह पाचन में सहायक, मस्तिष्क को तेज करने वाला, पेशाब को साफ करने वाला, पेट या आमाशय के लिए स्वास्थ्यवर्द्धक होता है।
इसके पत्ते का सार दस्त को कम करने में लाभकारी होता है। इसके पत्ते का चूर्ण अल्प रक्तशर्कराकारक(Hypoglycaemia) में फायदेमंद होता है।
अन्य भाषाओं में तेजपत्ता के नाम (Name of Bay leaf in Different Languages)
तेजपत्ता का वानस्पतिक नाम Cinnamomumtamala Nees (Buch.-Ham) & Eberm. (सिनैमोमम् तमाला) Syn-Cinnamomum albiflorum Nees होता है और इसका कुल Lauraceae (लॉरेसी) है। तेजपत्ता को अंग्रेजी में Indian Bay Leaf (इण्डियन बे लीपैं) होता है। लेकिन तेजपत्ता को भारत के अन्य प्रांतों में भिन्न-भिन्न नामों से पुकारा जाता है। जैसे-
Bayleaf in :
- Sanskrit-पत्र, गन्धजात, पाकरञ्जन, तमालपत्र, पत्रक, तेजपत्र;
- Hindi-तमालपत्र, पत्र, तेजपत्ता, बराहमी;
- Kannada-पत्रक (Patraka), लवन्गदापत्ति (Lavangdapatti);
- Gujrati-तमालपत्र (Tamalpatra), तज (Taj);
- Tamil-कटटु-मुंकाइ (Kattu-murunkai);
- Telugu-आकुपत्री (Akupatri), तालीस पत्री (Talispatri);
- Bengali-तेजपत्र (Tejpatra);
- Nepali-तेजपात (Tejpat)
- Marathi-तमालपत्र (Tamalpatra), दाल चिन्टिटिकी (Dalchinitiki)।
- English-इण्डियन कैसिआ (Indian cassia), कैसिआ सिनेमॅन (Cassia cinnamon), तमाला कैसिआ (Tamala cassia);
- Arbi-साज्जेहिन्दी (Sajjehindi), जर्नाब (Zarnab);
तेजपत्ता के फायदे (Benefits and Uses of Bay Leaf in Hindi)
तेजपत्ता का पेड़ में कई ऐसे तत्व हैं जिनके कारण आयुर्वेद में तेजपत्ता (tejpat)को औषधि के रुप में इस्तेमाल किया जाता है वह है, कॉपर, पोटाशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, सेलेनियम और आयरन। चलिये तेजपत्ता के औषधिय गुणों के बारे में विस्तार से जानते हैं कि ये कैसे और किन-किन बीमारियों के लिए उपचार के तौर पर प्रयोग किया जाता है।
सिरदर्द में फायदेमंद तेजपत्ता (Tejpatta Benefits for Headache in Hindi)
आजकल लोगों के लिए सिरदर्द की समस्या आम हो गई है। दिन भर काम का तनाव, भाग-दौड़, कंप्यूटर पर लगातार काम, फोन के स्क्रीन पर लगातार काम , ज्यादा धूप में घूमना, ज्यादा ठंड, ऐसे असंख्य सिरदर्द होने के कारण है। इसके लिए तेजपत्ता का घरेलू उपाय बहुत ही फायदेमंद होता है। 10 ग्राम तेजपत्ता के पत्तों को जल में पीसकर, कपाल पर लेप करने से ठंड या गर्मी से उत्पन्न सिरदर्द से आराम मिलता है।
सिर से जुंए निकालने में सहायक तेजपत्ता (Benefit of Bay leaves to Get Rid from Head Lice in Hindi)
स्कूल में बच्चों ने जाना शुरू किया कि नहीं सिर में जूँ होने की समस्या शुरू हो जाती है। तेजपत्ता का ये उपचार बालों को बिना नुकसान पहुँचाये जुएं निकालने में बहुत कामगर तरीके से काम करते हैं। तेजपत्ता (tejpat) के 5-6 पत्तों को एक गिलास पानी में इतना उबालें कि पानी आधा रह जाय। इस पानी से रोजाना सिर की मालिश करने के बाद नहाएं। इससे सिर में जुंए नहीं होते हैं।
सर्दी-जुकाम से दिलाये राहत तेजपत्ता (Benefits of Tejpatta for Cold and Cough in Hindi)
मौसम बदला कि नहीं बच्चे से लेकर बड़े-बूढ़े सभी सर्दी-जुकाम के परेशानियों से जुझने लगते हैं। चाय पत्ती की जगह तेजपात (benefits of tej patta in hindi) के चूर्ण की चाय पीने से सर्दी-जुकाम, छीकें आना, नाक बहना, जलन, सिर-दर्द आदि में शीघ्र लाभ मिलता है। इसके अलावा 5 ग्राम तेजपात छाल और 5 ग्राम छोटी पिप्पली को पीसकर, मिलाकर 500 मिग्रा चूर्ण को शहद के साथ चटाने से खांसी और जुकाम में लाभ होता है।
आँखों के बीमारी में फायदेमंद तेजपत्ता (Bay Leaf Beneficial in Eye Disease in Hindi)
आँख संबंधी बीमारियों में बहुत कुछ आता है, जैसे- सामान्य आँख में दर्द, रतौंधी, आँख लाल होना आदि। इन सब तरह के समस्याओं में तेजपत्ता (tejpat) से बना घरेलू नुस्ख़ा बहुत काम आता है। तेजपत्ता को पीसकर आंख में लगाने से आँख संबंधी बीमारी से राहत मिलती है।
दांतों में लाये चमक तेजपत्ता (Tejpatta Benefits in Teeth Whitening in Hindi)
यदि किसी कारण दांतों का चमक चला गया है तो तेजपत्ता (tej patta benefits in hindi) के बारीक चूर्ण को सुबह-शाम दांतों पर मलने से दांतों में चमक आ जाती है।
मसूड़ों की बीमारी में लाभकारी तेजपत्ता (Benefits of Tejpatta to Treat Gum Diseases in Hindi)
अगर मसूड़ों में सूजन, खून आने जैसी समस्याएं हो रही है तो तेजपत्ता का औषधिय गुण उपचारस्वरुप बहुत काम आता है। तेजपत्ता (benefits of tej patta in hindi) के डंठल को चबाते रहने से मसूड़ों से खून का आना बन्द हो जाता है।
हकलाने की समस्या सुधारने में फायदेमंद तेजपत्ता (Bay leaves Benefits in Stutter in Hindi)
अगर किसी को रुक-रुक कर या हकला कर बात करने की समस्या है तो तेजपत्ते का घरेलू उपचार फायदेमंद साबित हो सकता है। तेजपत्ता के पत्तों को नियमित रूप से चूसते रहने से हकलाहट में लाभ होता है।
दमा या अस्थमा रोग तेजपत्ते का इस्तेमाल ( Benefit of Bay Leaf in Asthma in Hindi)
हर बार जब मौसम बदलता है या ज्यादा ठंड का मौसम आता है तब दमे की मरीज की परेशानी बढ़ जाती है।
तेजपत्ता और पीपल को 2-2 ग्राम की मात्रा में अदरक के मुरब्बे की चाशनी में बुरक कर चटाने से दमा के बीमारी में लाभ मिलता है। इसके अलावा सूखे तेजपत्ता के चूर्ण को एक चम्मच की मात्रा में एक कप गर्म दूध के साथ सुबह-शाम नियमित सेवन करने से सांस संबंधी समस्या में लाभ होता है।
भूख न लगने की समस्या में लाभकारी तेजपत्ता (Benefits of Tejpatta in Anorexia in Hindi)
अगर किसी बीमारी के कारण या तनाव के कारण खाने की इच्छा में कमी आई है तो तेजपत्ता का सेवन इस तरह से करने में जल्दी आराम मिलता है।
तेजपत्ता का रायता सुबह-शाम पीने से भूख ना लगने की समस्या दूर होती है।
उल्टी से दिलाये राहत तेजपत्ता (Bay Leaf Beneficial in Vomiting in Hindi)
अगर किसी कारण बार-बार उल्टी महसूस हो रही है तो इसके 2-4 ग्राम चूर्ण का सेवन करने से उबकाई मिटती है। इसके अलावा इलायची, लौंग, दालचीनी तथा तेजपत्ते के चूर्ण (1-4 ग्राम) में शहद मिलाकर सेवन करने से छर्दि या उल्टी से राहत मिलती है, अथवा बिल्व, हरड, बहेड़ा, आँवला और पिप्पली, मरिच, सोंठ के चूर्ण (1-4 ग्राम) को शहद के साथ चाटने से भी उल्टी में शारीरिक स्थिति बेहतर होती है।
दस्त रोके तेजपत्ता (Bay leaves Benefits in Diarrhoea in Hindi)
अगर ज्यादा मसालेदार खाना, पैकेज़्ड फूड या बाहर का खाना खा लेने के कारण दस्त है कि रूकने का नाम ही नहीं ले रहा तो तेजपत्ता का घरेलू उपाय बहुत काम आयेगा। 1-3 ग्राम पत्ते के चूर्ण में मिश्री तथा शहद मिलाकर सेवन करने से अतिसार तथा पेट दर्द कम होता है।
लीवर के सूजन में फायदेमंद तेजपत्ता ( Tejpatta Treats Liver Inflammation in Hindi)
अगर लीवर में किसी बीमारी के कारण सूजन हो गया है तो तेजपत्ता का इस तरह से सेवन करने पर जल्दी आराम मिलता है। समान मात्रा में तेजपत्ता, लहसुन, काली मरिच, लौंग तथा हल्दी के चूर्ण का काढ़ा बनाकर 10-20 मिली मात्रा में पीने से लीवर संबंधी रोगों में लाभ होता है।
प्रसव प्रक्रिया को बनाये आसान तेजपत्ता (Tejpatta Help to Ease Delivery in Hindi)
हर गर्भवती महिला के लिए डिलीवरी का समय बहुत ही कष्टदायक होता है। तेजपत्ता का इस तरह से प्रयोग करने पर प्रसव प्रक्रिया को आसान बनाने में फायदा मिलता है। इसके पत्तों की धूनी (योनि में) देने से बच्चा सुख से उत्पन्न हो जाता है।
गर्भाशय शोधन में लाभकारी तेजपत्ता (Bay leaves Beneficial in Uterine Purifcation in Hindi)
1-3 ग्राम तेजपात के पत्ते के चूर्ण को सुबह शाम सेवन करने से गर्भाशय का शोधन होता है। तेजपात के काढ़े में बैठने से गर्भाशय की पीड़ा कम होती है। 40-60 मिली तेजपात के पत्तों का काढ़ा प्रसूता यानि जिसकी डिलीवरी हुई है उसको सुबह शाम पिलाने से दूषित रक्त तथा मल आदि निकल कर गर्भाशय शुद्ध हो जाता है।
अर्थराइटिस के दर्द को करे कम तेजपत्ता (Tej patta to Treat Arthritis in Hindi)
आजकल अर्थराइटिस की समस्या उम्र देखकर नहीं होती है। दिन भर एसी में रहने के कारण या बैठकर ज्यादा काम करने के कारण किसी भी उम्र में इस बीमारी का शिकार होने लगे हैं। इससे राहत पाने के लिए तेजपत्ता का इस्तेमाल ऐसे कर सकते हैं। तेजपत्ता के पत्तों को पीसकर जोड़ों पर लेप करने से सन्धिवात में लाभ होता है।
ब्लीडिंग करे कम तेजपत्ता (Bay Leaf Beneficial in Bleeding in Hindi)
शरीर के किसी भी अंग से रक्तस्राव या ब्लीडिंग होने पर एक चम्मच तेजपात चूर्ण को एक कप पानी के साथ 2-3 बार सेवन करने से लाभ होता है।
शरीर से आनेवाले बदबू को करे दूर तेजपत्ता (Benefits of Tejpatta to Get Rid from Body Odor in Hindi)
गर्मी के मौसम में पसीने के कारण शरीर से बदबू आने लगती है और इसके कारण बहुत लोगों को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है। इसके लिए समान मात्रा में तेजपत्ता, सुंधबाला, अगरु, हरीतकी एवं चंदन को पीसकर शरीर पर लगाने से पसीने से उत्पन्न होने वाली शरीर का दुर्गंध कम होता है।
पाचन ठीक करने में फायदेमंद तेजपत्ता (Tejpatta Beneficial for Digestive System in Hindi)
तेजपत्ते में उष्ण गुण होने के कारण यह पाचक अग्नि को तीव्र कर भूख बढ़ाता है साथ ही पाचन शक्ति को मजबूत करता है।
एंटी कैंसर गुणों के लिए तेजपत्ता से लाभ (Tejpatta Beneficial to Treat Cancer in Hindi)
एक रिसर्च के अनुसार तेजपत्ते में एंटी कैंसर गुण भी पाए जाते है जिससे कैंसर के लक्षणों को भी कम किया जा सकता है।
वजन कम करने में तेजपत्ता फायदेमंद (Tejpatta Beneficial for Weight loss in Hindi)
वजन बढ़ने की की एक वजह कफ दोष का बढ़ना भी होता है। तेजपत्ते में कफ शामक गुण होने से यह वजन कम करने में भी सहयोगी होता है।
दिल को स्वस्थ रखने में तेजपत्ता का उपयोग (Tejpatta Beneficial for Healthy Heart in Hindi)
एक रिसर्च के अनुसार तेजपत्ते में ह्रदय को स्वस्थ रखने का गुण पाए जाता है। तेजपत्ते का सेवन कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करता है जिसमें हृदय से सम्बंधित कुछ परेशानियों के लक्षणों को कम किया जा सकता है।
मासिक धर्म के समय तेजपत्ता का इस्तेमाल फायदेमंद (Tajpatta Beneficial during Periods in Hindi)
मासिक धर्म के समय में होने वाले दर्द का मुख्य कारण वात दोष का बढ़ना होता है। ऐसे में तेजपत्ते के वात शामक गुण होने के कारण यह इस अवस्था में लाभ पहुंचाता है।
तनाव दूर करने में तेजपत्ता फायदेमंद (Tejpatta Beneficial to Treat Stress in Hindi)
तनाव होने के कारण वात दोष का असंतुलित होना होता है। ऐसे में तेजपत्ते के वात शामक गुण होने के बाद यह तनाव को रोकने एवं काम करने में मदद करता है।
अल्सर से राहत दिलाने में तेजपत्ता लाभकारी (Tejpatta Beneficial to Treat Ulcer in Hindi)
अल्सर होने का कारण पाचन का ख़राब होना होता है। तेजपत्ते में दीपन- पाचन होने के कारण यह पाचन को ठीक करता है जिससे अल्सर होने होने की संभावना कम हो जाती है।
कोलेस्ट्रॉल को ठीक करने में तेजपत्ता (Tejpatta Beneficial to control Cholesterol in Hindi)
अगर आप बढ़े हुये कोलेस्ट्रॉल के लेवल से परेशान है तो आप अपने खाने के रूटीन तेजपत्ते को जोड़ ली जिये क्योंकि एक रिसर्च के अनुसार तेजपत्ते का इस्तेमाल कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने में भी काम आता है।
मकड़ी चाटने पर तेजपत्ते का इस्तेमाल (Tejpatta for Spider Poison in Hindi)
अगर मकड़ी ने चाट लिया है तो समान मात्रा में मंजिष्ठा, नागकेसर, तेजपत्ता तथा हल्दी को पीसकर चाटे हुए स्थान पर लेप करने से मकड़ी के विष का प्रभाव कम हो जाता है।
तेजपत्ता का उपयोगी भाग (Useful Parts of Bay Leaves)
तेजपत्ता के जड़ और तने की छाल, पत्ता एवं तेल का इस्तेमाल औषधि के रुप में सबसे ज्यादा किया जाता है।
तेजपत्ता का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए? (How to Use Bay Leaves in Hindi?)
बीमारी के लिए तेजपत्ते के सेवन और इस्तेमाल का तरीका पहले ही बताया गया है। अगर आप किसी ख़ास बीमारी के इलाज के लिए तेजपत्ता का उपयोग कर रहे हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह ज़रूर लें। इसके अलावा चिकित्सक के परामर्श के अनुसार 1-3 ग्राम पत्ते के चूर्ण का प्रयोग कर सकते हैं।
तेजपत्ता कहां पाया और उगाया जाता है? (Where is Bay leaf Found or Grown in Hindi?)
भारत में उष्णकटिबंधीय एवं इसके अतिरिक्त उपउष्णकटिबंधीय हिमालय से भूटान तक 900-1500 मी तक की ऊँचाई पर, सिक्किम में 2400 मी तथा सिल्हट एवं खासिया के पहाड़ी क्षेत्रों में 900-1200 मी की ऊंचाई तक तेजपत्र के जंगली वृक्ष पाए जाते हैं।
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