Hindi – मालकांगनी, मालकौनी, मालटांगुन English –स्टाफ् ट्री (Staff tree), ब्लेक आइल ट्री (Black oil tree), इन्टेलेक्ट ट्री (Intellect tree), क्लाइविंग स्टाफ ट्री (Climbing staff tree)Sanskrit – ज्योतिष्मती, पारावतपदी, काकाण्डकी, कंगुणिका, पीततैला, कट्वीका, वेगा, कट्भी Urdu – मालकांगुनी (Malakanguni)Oriya – कटोपेसु (Katopesu), खरोसाना (Kharosana), नोईबाडो (Noibado)Assamese- पोकिटाई (Pokitai)Konkani – मालकांगोनी (Malkangoni)Kannada – करिगन्ने (Kariganne)Gujarati – मालकांगणा (Malkangana), वेलो (Velo)Tamil (celastrus paniculatus in tamil) –वलुलुवै (Valuluvai), वेलुलुवई (Veluluvai), आदिबारिचम (Adibaricham)Telugu – बावंजी (Bavanji)
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Jyotishmati (malkangni): बेहद गुणकारी है ज्योतिष्मती (मालकांगनी)- (knowledge)
ज्योतिष्मती को मालकांगनी (malkangni) भी कहते हैं। कई पुराने आयुर्वेद ग्रंथों में ज्योतिषमती (मालकांगनी) के फायदे के बारे में बताया गया है। ज्योतिष्मती का तेल वात–कफ का इलाज करता है। यह पेट के कीड़ों को खत्म करता है।डायबिटीज में भी मालकांगनी के फायदे मिलते हैं। बहुत सालों से मिर्गी और कुष्ठ रोग के इलाज के लिए ज्योतिष्मती का इस्तेमाल किया जाता है।
आयुर्वेद के अनुसार, ज्योतिष्मती घाव, पीलिया तथा पेट दर्द में भी लाभ पहुंचाता है। इससे भूख बढ़ती (Appetizer) है। इतना ही नहीं मालकांगनी के फायदे याददाश्त बढ़ाने में भी मिलते हैं। आइए जानते हैं कि ज्योतिष्मती के और कितने फायदे हैं।
ज्योतिष्मती क्या है? (What is Jyotishmati (malkangni) in Hindi?)
ज्योतिष्मती (मालकांगनी) कड़वी, तीखी, कसैली और गर्म होती है। ज्योतिष्मती का तना छूने पर खुरदरी लगती है। इसके फल लगभग गोलाकार और चिकने होते हैं। कच्चे रहने पर ये हरे होते हैं, लेकिन पक जाने पर पीले हो जाते हैं। इसके फलों के अन्दर 1 से 6 तक की संख्या में बीज (malkangani seeds) होते हैं। ये बीज नुकीले अथवा अण्डाकार, गहरे लाल रंग की खोल से घिरे हुए होते हैं।
ज्योतिष्मती (jyothishmathi) औषधीय गुणों से भरपूर एक वनस्पति है, जिसके फल, पत्तों और जड़ों का उपयोग अनेक प्रकार की बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है। इसकी लता लगभग 10 मीटर लम्बी तथा झाड़ीदार होती है। इसकी लताएं कई बार यह ऊंचे वृक्षों पर चढ़ जाती हैं। इसकी कोमल तथा पतली शाखायें नीचे की ओर झुकी हुई होती हैं। जब इन शाखाओं में फूल तथा फल लगते हैं तब ये और नीचे झुक जाती हैं, और हवा से इधर-उधर झूलती रहती हैं।
अन्य भाषाओं में ज्योतिष्मती के नाम (Names of Jyotishmati (malkangni) in Different Languages)
ज्योतिष्मती (jyotishmati) का वानस्पतिक नाम सिलास्ट्रस पैनिकुलेटस (Celastrus paniculatus Willd.), Syn-Catha paniculata Scheidw., Celastrus utansRoxb) है। यह सिलेस्ट्रसी (Celastraceae) कुल का पौधा होता है। ज्योतिष्मती को देश और विदेश में भिन्न-भिन्न नामों से जाना जाता है, जो ये हैंः-
- Hindi – मालकांगनी, मालकौनी, मालटांगुन
- English –स्टाफ् ट्री (Staff tree), ब्लेक आइल ट्री (Black oil tree), इन्टेलेक्ट ट्री (Intellect tree), क्लाइविंग स्टाफ ट्री (Climbing staff tree)
- Sanskrit – ज्योतिष्मती, पारावतपदी, काकाण्डकी, कंगुणिका, पीततैला, कट्वीका, वेगा, कट्भी
- Urdu – मालकांगुनी (Malakanguni)
- Oriya – कटोपेसु (Katopesu), खरोसाना (Kharosana), नोईबाडो (Noibado)
- Assamese- पोकिटाई (Pokitai)
- Konkani – मालकांगोनी (Malkangoni)
- Kannada – करिगन्ने (Kariganne)
- Gujarati – मालकांगणा (Malkangana), वेलो (Velo)
- Tamil (celastrus paniculatus in tamil) –वलुलुवै (Valuluvai), वेलुलुवई (Veluluvai), आदिबारिचम (Adibaricham)
- Telugu – बावंजी (Bavanji)
- Bengali – लताफटकी (Lataphataki), बनउच्छे (Banuche), मालकांगनी (Malkangni);
- Nepali – इहोरो (Ihoro)
- Marathi – मालकांगोणी (Malkangoni), पिगवी (Pigavi)
- Punjabi – संखु (Sankhu)
- Malayalam –वालुलावम (Valulavam), चेरूप्पुन्ना (Ceruppunna)
- Arabic – अरबी-हब्बे किलकिल् (Habbe kilkil), मालकाग्नी (Malkangini)
- Persian – काल (Kaal)
ज्योतिष्मती (मालकांगनी) के फायदे (Jyotishmati Benefits and Uses in Hindi)
अब तक आपने जाना ज्योतिष्मती क्या है, और इसे किन नामों से जाना जाता है। आइए जानते हैं कि ज्योतिष्मती के फायदे क्या-क्या हैंः-
सिरदर्द में ज्योतिष्मती के फायदे (Uses of Jyotishmati to Get Relief from Headache in Hindi)
कई लोग बराबर सिर दर्द की शिकायत करते हैं। ऐसे लोग ज्योतिष्मती (मालकांगनी) के पत्ते एवं जड़ को पीसकर मस्तक पर लगाएं। इससे सिर दर्द से राहत मिलती है।
आंखों की बीमारी में ज्योतिष्मती के फायदे (Benefits of Jyotishmati for Eyes Disease in Hindi)
ज्योतिष्मती (मालकांगनी) के तेल (malkangni oil benefits) की पैर के तलवों पर मालिश करें। इससे आंख के रोगों का नाश होता है, और आंखों की रोशनी बढ़ती है।
फेफड़े की सूजन में ज्योतिष्मती के फायदे (Jyotishmati Uses to Get Relief from Lungs Swelling in Hindi)
ज्योतिष्मती की जड़ को पीसकर छाती पर लेप करने से फेफड़े की सूजन कम होती है। बेहतर परिणाम के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर सलाह लें।
पेट के रोग मालकांगनी के फायदे (Jyotishmati Benefits to Cure Abdominal Problems in Hindi)
ज्योतिष्मती (मालकांगनी) तेल (jyotishmati oil) 1-5बूंद, सज्जीखार 60 मिग्रा तथा हींग 60 मिग्रा लें। इन्हें दूध के साथ 15 दिन या 1 माह तक सेवन करें। इससे पेट के रोग खत्म होते हैं।
भगंदर में मालकांगनी के फायदे (Benefits of Jyothishmathi in Fistula Treatment in Hindi)
भगंदर (Fistula) रोगी के लिए ज्योतिष्मती (malkangini) बहुत फायदेमंद औषधि है। रसांजन, हल्दी, दन्ती, ज्योतिष्मती, नीम्बू के पत्ते और मंजीठ को गौमूत्र में पीस लें। इसका लेप करने से भगन्दर में लाभ होता है।
बवासीर में मालकांगनी के गुण के फायदे (Uses of Jyotishmati to Treat Piles in Hindi)
ज्योतिष्मती बवासीर में भी लाभ पहुंचाती है। बवासीर के मरीज ज्योतिष्मती की जड़ को चावल की धुले हुए पानी में पीस लें। इसमें काली मिर्च का चूर्ण मिला लें। इससे लेप करने से बवासीर में लाभ होता है। खूनी बवासीर की बीमारी में ज्योतिष्मती के बीज (malkangani seeds) को पीसकर बवासीर के मस्सों पर लगाएं। इससे फायदा होता है।
मूत्र विकार में ज्योतिष्मती के औषधीय गुण से लाभ (Jyotishmati Benefits in Urinary Problems in Hindi)
ज्योतिष्मती के 2-5 बूंद तेल (malkangni oil benefits) को लस्सी में डालकर पीने से मूत्र विकार (पेशाब से संबंधित बीमारी) ख़त्म होते हैं।
मासिक धर्म विकार में ज्योतिष्मती के सेवन से फायदा(Benefits of Jyotishmati in Menstrual Disorder in Hindi)
मासिक धर्म विकार में ज्योतिष्मती का प्रयोग करन से अच्छा परिणाम मिलता है। महिलाएं गुड़हल के फूल को कांजी के साथ पीस लें। इसमें घी में भुने हुए ज्योतिष्मती के पत्तों को मिला लें। इसका सेवन करने से बहुत दिनों से रुका हुआ मासिक चक्र तुरंत शुरू हो जाता है।
नपुंसकता में मालकांगनी के गुण से लाभ (Benefits of Jyotishmati in Impotence in Hindi)
ज्योतिष्मती के 1-2 बीज के चूर्ण को खीर में डालकर खाने से नपुंसकता की समस्या खत्म होती है।
ज्योतिष्मती के तेल (jyotishmati oil) की 5-10 बूंद पान में लगाकर दिन में दो बार खाएं। इससे नपुसंकता में लाभ होता है। इस अवधि में दूध और घी का अत्यधिक सेवन करना चाहिए।
गठिया की बीमारी में मालकांगनी के औषधीय गुण से लाभ (Jyothishmathi Benefits in Arthritis Treatment in Hindi)
- गठिया एक ऐसी बीमारी है जिससे कई लोग परेशान रहते हैं। इसमें शरीर के जोड़ों में बहुत दर्द होता है। गठिया के मरीज मालकांगनी का प्रयोग करेंगे तो लाभ मिलता है। ज्योतिष्मती के बीज (malkangani seeds) के 500 मिग्रा चूर्ण को मधु के साथ खाएं। इससे गठिया तथा बादी के रोग खत्म होते हैं।
- ज्योतिष्मती का तेल जोड़ों पर लगाने से छोटे जोड़ों की सूजन ठीक हो जाती है।
ज्योतिष्मती के गुण से शरीर के दर्द का इलाज (Uses of Jyotishmati for Pain Relief in Hindi)
शरीर में कहीं भी दर्द हो रहा है तो आप ज्योतिष्मती का इस्तेमाल कर सकते हैं। किसी भी तरह के दर्द में ज्योतिष्मती के बीज तथा पत्तों को पीसकर दर्द वाले स्थान पर लगाएं। दर्द ठीक हो जाता है।
घाव भरने के लिए मालकांगनी का औषधीय गुण फायदेमंद (Jyotishmati Uses in Wound Healing in Hindi)
आप घाव को ठीक करने के लिए भी ज्योतिष्मती का उपयोग कर सकते हैं। ज्योतिष्मती आदि शोधन द्रव्यों का काढ़ा बनाकर घाव को धोएं। इससे घाव में सुधार होता है। ज्योतिष्मती को घाव पर लगाने से घाव जल्दी भरता है।
चर्म रोग में मालकांगनी का औषधीय गुण लाभदायक (Jyothishmathi Benefits in Skin Problems in Hindi)
- ज्योतिष्मती के बीज का तेल (malkangni oil) लगाने से त्वचा रोग में लाभ होता है। इसके बीज के चूर्ण को गोमूत्र के साथ पीस लें। इसे लगाने से एक्जिमा (eczema) में लाभ होता है।
- सात बार छाने हुए क्षार जल और ज्योतिष्मती के तेल (jyotishmati oil) को पका लें। इस तेल की मालिश करने से कुष्ठ रोग में लाभ होता है।
आयुर्वेद
ज्योतिष्मती के गुण से बुखार में फायदा (Uses of Jyotishmati in Fighting with Fever in Hindi)
ज्योतिष्मती के तेल से पिण्डार की जड़ को पीस लें। इसे नाक में 1-2 बूंद डालने से बुखार के कारण होने वाली कमजोरी दूर होती है।
खुजली में फायदेमंद मालकांगनी (Jyothishmathi Benefits to Cure Scabies in Hindi)
खुजली में मालकांगनी के तेल का प्रयोग करते है क्योंकि खुजली के रुक्षता ज्यादा होती है जो तेल की स्निग्धता से कम हो कर खुजली में आराम होता है।
बेरी बेरी रोग से दिलाये राहत मालकांगनी (Benefit of Jyothismathi to Treat Beriberi in Hindi)
बेरी बेरी नामक रोग में ज्योतिष्मती के तेल का इस्तेमाल बहुत लाभदायक होता है। मालकांगनी में वात शामक गुण इस रोग में फायदेमंद होता है।
दमा,श्वास रोग में मालकांगनी के फायदे (Benefit of Jyothismathi in Asthma in Hindi)
दमा या श्वास रोग वात एवं कफ दोष के बढ़ने के हैं। इसमें पाए जाने वाले वात एवं कफ शामक गुण इन रोगों के लक्षणों को कम करने में सहायता करते हैं।
बुद्धि और स्मृति बढ़ाने के लिए मालकांगनी का सेवन फायदेमंद (Jyothishmathi Beneficial to Boost Memory in Hindi)
बुद्धि और स्मृति को बढ़ाने में भी मालकांगनी बहुत अच्छा काम करती है क्योंकि इसमें मेध्य गुण होता है।
दुर्बलता दूर करने के लिए मालकांगनी का उपयोग (Jyothishmathi Beneficial to Get Relief from Weakness in Hindi)
मालकांगनी में पाए जाने वाले बल्य गुण के कारण यह शरीर की दुर्बलता को दूर कर शक्ति प्रदान करती है।
मालकांगनी के गुण से लकवा में लाभ (Jyothishmathi Helps in Paralysis in Hindi)
ज्योतिष्मती का तेल (malkangni oil) लकवा वाले अंग पर लगाएं। इससे पक्षाघात (लकवा) में लाभ होता है। बेहतर परिणाम के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर परामर्श लें।
ज्योतिष्मती (मालकांगनी) के उपयोगी भाग (Useful Parts of Jyotishmati)
ज्योतिष्मती के इन भागों का प्रयोग किया जा सकता है:-
- पत्ते,
- बीज,
- फूल,
- तेल (malkangni oil)
- जड़
ज्योतिष्मती (मालकांगनी) का सेवन कैसे करें? (How to Use Jyotishmati?)
- तेल- 5-10 बूंद
- चूर्ण- 500 मिग्रा
किसी भी रोग पर मालकांगनी का प्रयोग करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श जरूर करें।
ज्योतिष्मती (मालकांगनी) के नुकसान (Jyotishmati (malkangani) Side Effects in Hindi)
वैसे तो ज्योतिष्मती के प्रयोग से सामान्य तौर पर नुकसान नहीं होता है, लेकिन औषधि के रूप में प्रयोग करने के पहले किसी आयुर्वेद चिकित्सक से सलाह जरूर लें।
ज्योतिष्मती कहां पाया या उगाया जाता है (Where is Jyothishmathi Found or Grown in Hindi?)
ज्योतिष्मती (celastrus paniculatus) की लताएं भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में लगभग 1200 मीटर की ऊंचाई वाले पर्णपाती वनों में पाया जाता है।
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