घिरकिन (Gherkin), Cucumber (क्यूकॅम्बर)Marathi (Cucumber in marathi) – काकड़ी (Kaakadi)Hindi (Kheera in hindi) – खीराSanskrit – त्रपुष, कण्टकुल, सुधावास, सुशीतलOriya – ककनाई (Kaknai)Konkani – कान्करी(Kankri) Kannada – सन्तेकाई (Santekyi), सन्तेक (Santek)Gujarati – काकरी (Kakri), कंकडी (Kankdi)Tamil – पिपिंगके (Pipingkay), वेलारीकायी (Vellarikkai)Telugu – डोसाकाय(Dosakaya)Bengali – खीरा (Kheera), ससा (Sasa)Nepali – काक्रो (Kakro)Punjabi – खीयार(Khiyar), खीरा (Kheera); ,


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Kheera kakdi: अमृत के समान है खीरा – (knowledge)


खीरा का परिचय (Introduction of Kheera)

आपने खीरा खाया होगा। सभी लोग खीरा खाते हैं। प्रायः खीरा का सेवन सलाद के रूप में किया जाता है लेकिन इसके अलावा भी खीरा का इस्तेमाल कई तरह के व्यंजन बनाने के लिए किया जाता है। आमतौर पर लोग यह जानते हैं कि खीरा पेट के लिए ठंडा होता है और इससे शरीर को फायदा होता है। लोग यह नहीं जानते होंगे कि कई बीमारियों को ठीक करने के लिए एक औषधि के रूप में भी खीरा का उपयोग किया जाता है।

खीरा पचने में भारी, पित्त को शांत करने वाला, कफ और वात को बढ़ाने वाला, मूत्र रोग में फायदेमंद होता है। यह मोटापा कम करने और पीलिया रोग को ठीक करने का काम आता है। पथरी को गलाता है। उलटी को रोकता है। इसके बीज समान गुण वाले ही होते हैं। 

 

Kheera ke fayde

 

खीरा क्या है (What is Kheera)

आकार तथा रंग-रूप के आधार पर खीरा की कई प्रजातियां होती हैं। इसकी फैलने वाली और पेड़ों पर चढ़ने वाली लता होती है। खीरे का ही एक और प्रकार अफ्रीका मूल का है जिसका नाम है बालम खीरा (Balam Kheera/Khira) जो दिखने में और गुणों भी खीरे के जैसा ही होता है।

 

अनेक भाषाओं में खीरा के नाम (Kheera Called in Different Languages)

खीरा का लैटिन नाम कुकुमिस सैटाइवस ( Cucumis sativus Linn., Syn-Cucumis muricatus Willd.) है और यह  कुकुरबिटेसी (Cucurbitaceae) का है। खीरा को देश और विदेश में इन नामों से भी जाना जाता है, जो ये हैंः-

Kheera in –

  • English – घिरकिन (Gherkin), Cucumber (क्यूकॅम्बर)
  • Marathi (Cucumber in marathi) – काकड़ी (Kaakadi)
  • Hindi (Kheera in hindi) – खीरा
  • Sanskrit – त्रपुष, कण्टकुल, सुधावास, सुशीतल
  • Oriya – ककनाई (Kaknai)
  • Konkani – कान्करी(Kankri) 
  • Kannada – सन्तेकाई (Santekyi), सन्तेक (Santek)
  • Gujarati – काकरी (Kakri), कंकडी (Kankdi)
  • Tamil – पिपिंगके (Pipingkay), वेलारीकायी (Vellarikkai)
  • Telugu – डोसाकाय(Dosakaya)
  • Bengali – खीरा (Kheera), ससा (Sasa)
  • Nepali – काक्रो (Kakro)
  • Punjabi – खीयार(Khiyar), खीरा (Kheera); , खीरा (Khira)
  • Malayalam – वेल्लारी (Vellari)
  • Arabic – खेयार (Kheyaar)
  • Persiian – शियारे खुर्द (Shiyarekhurd)

 

खीरा के फायदे (Kheera Benefits and Uses)

खीरा का औषधीय प्रयोग, प्रयोग के तरीके और विधियां ये हैंः-

 

आंखों की बीमारी में खीरे से फायदा (Benefits of Kheera in Eye Problem in Hindi)

खीरे को पीसकर आंखों के बाहर चारों तरफ लेप लगाने से आंखों के बाहर होने वाले काले धब्बे मिटते हैं।

खीरे के टुकड़ों को भी आँख पर रखने से आँखों को ठंडक मिलती है।


 

गले के रोग में फायदेमंद खीरा का उपयोग (Kheera Benefits in Throat Treatment in Hindi)

खीरे के पत्तों का काढ़ा बनायें। 10-20 मि.ली. काढ़े में आधा ग्राम जीरा चूर्ण मिलाकर सेवन करने से गले के रोगों में लाभ होता है।

 

पेशाब की समस्या का इलाज खीरा (Kheera Cures Urinary Problems in Hindi)

  • पेशाब करने में तकलीफ होने पर रोगी भोजन में खीरे का सेवन करें। इससे लाभ होता है।
  • खीरे के बीज का 2-4 ग्राम काढ़े को दूध के साथ नियमित पीने से कुछ दिनों में पेशाब की जलन और पेशाब में चीनी आने में लाभ होता है।
  • तिल तथा खीरे में बीजों को समान मात्रा में लेकर दूध के साथ पीस लें। 2-4 ग्राम काढ़े में घी मिलाकर पीने से पेशाब संबंधी परेशानी ठीक होती है। इससे रुक-रुक कर पेशाब आने की समस्या ठीक होती है।
  • खीरे का तेल पेशाब करने संबंधी विकार में लाभकारी होता है।
  • यदि पेशाब न बन रहा हो तो खीरे के बीज के 2-4 ग्राम काढ़े को खट्टी कांजी तथा लवण के साथ मिला लें। इसका सेवन करने से पेशाब बनने लगता है।
  • खीरे के पत्तों को पीस-छान लें। इसमें मिश्री मिलाकर 10-15 मि.ली. मात्रा में पिलाने से पेशाब खुल कर आता है और मूत्र विकारों में लाभ होता है।

 

खीरा के सेवन से पथरी की बीमारी का उपचार (Kheera Uses in Cure Kidney Stone Disease in Hindi)

खीरे के 2-4 ग्राम बीजों को दही के साथ नियमित सेवन करने से पथरी घुल कर निकल जाती है।

 

मुँहासे दूर करता है खीरा (Uses of Kheera in Fighting Acne in Hindi)

खीरे को पीसकर पूरे चेहरे, आँख तथा गले पर लगाएं। इसे लगभग 30 मिनट तक इसी स्थिति में छोड़ देें। इससे यह मुँहासों तथा रुखी त्वचा की परेशानी ठीक होती है।


घाव सुखाने और सूजन के लिए करें खीरा का प्रयोग (Benefits of Kheera in Wound Healing and Reduce Inflammation in Hindi)

खीरा को पीसकर उसमें थोड़ा नमक मिलाकर घाव की सूजन पर ऊपर से लेप करने से सूजन को कम करता है। इसे

अगर आप इसे मवाद वाले स्थान पर लगाएंगे तो यह  निश्चित स्थान पर मवाद को जमा करने में सहायता करता है।

Kheera ke fayde

 

फ्लू में लाभदायक खीरा (Kheera Benefits in Flu Treatment in Hindi)

फ्लू होने पर यदि वायु एवं कफ बहुत बढ़े हुए हों तो खीरा खाकर बाद में मट्ठा पीना चाहिए। मट्ठे में बनाया खीरे का रायता (Kheere ka raita) भी ले सकते हैं। इसके साथ ही भांप से स्नान करना चाहिए मतलब पूरे बदल में भांप लगाना चाहिए।

 

नींद ना आने की परेशानी में करें खीरे का प्रयोग (Uses of Kheera in Insomnia in Hindi)

खीरे के गूदे को पीसकर पैर के तलवों पर मालिश करने से नींद ना आने की परेशानी और आँखों की जलन में लाभ होता है।

 

खीरा के सेवन की मात्रा (How Much to Consume Kheera ?)

खीरा का औषधीय प्रयोग करने के लिए सेवन चिकित्सक के परामर्शानुसार करें।

 

खीरा के सेवन का तरीका (How to Use Kheera in Hindi?)

खीरा का इस्तेमाल इस तरह से किया जा सकता हैः-

फल

बीज

पत्ते

बीज की तेल

 

खीरा से नुकसान (Side Effects of Kheera)

खीरा के अधिक प्रयोग से ये नुकसान हो सकता हैः-

गैस यानी वायुविकार

अपच की समस्या

एसिडिटी की परेशानी

खट्टी डकार
इसको ठीक करने के लिए मट्ठा पीना चाहिए।

खीरा की कुछ प्रजातियां कड़वी भी होती हैं। उनका सेवन नहीं करना चाहिए।

 

Kheera ke fayde

 

खीरा कहां पाया या उगाया जाता है (Where is Kheera Found or Grown?)

खीरा भारत में बहुतायत मात्रा में पाया जाता है। उत्तर भारत में नदियों के किनारे इसकी खेती की जाती है।


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